हजारीबाग (भाषा)। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले दो दशकों के दौरान राज्य में कथित कुशासन और गरीब लोगों की उपेक्षा के लिए पिछली सरकारों पर निशाना साधा। सोरेन ने दावा किया कि उनकी सरकार के दौरान झारखंड ने कोयले पर 1.36 लाख करोड़ रुपये की रॉयल्टी का भुगतान करने में केंद्र की टाल-मटोल के बावजूद पिछले चार वर्षों में जबरदस्त प्रगति की है। सोरेन, राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)की अगुवाई वाले गठबंधन के दिसंबर, 2019 में सत्ता आने के बाद मुख्यमंत्री बने थे।
झारखंड 15 नवंबर, 2000 को अस्तित्व में आया था और तबसे राज्य में ज्यादातर समय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार रही। सोरेन ने कहा, ‘पिछली सरकारों ने झारखंड के लोगों, खासकर समाज के कमजोर वर्ग के लिए कुछ काम नहीं किया। विधवाओं समेत गरीब लोगों को अपनी पेंशन पाने के लिए दर-दर भटकना पड़ता था।’
सोरेन ने यह बयान सोमवार को हजारीबाग जिले के इचाक में आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार पर आयोजित कार्यक्रम में एक सभा को संबोधित करते हुए दिया। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, ‘पिछली सरकार के दौरान दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) कमांड क्षेत्र के तहत सात जिलों में बिजली की आपूर्ति बकाया भुगतान के बहाने काट दी गई थी। लेकिन जब हम केंद्र सरकार से अपना वैध बकाया मांगते हैं तो वह अड़ियल रवैया अपनाती है।’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर झारखंड सरकार को परेशान करने की कोशिश की और उसकी मुश्किलें बढ़ाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का इस्तेमाल किया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘ईडी ने मुझे और कई अन्य अधिकारियों को समन जारी किया लेकिन हमने उसे नजरअंदाज किया और राज्य का विकास किया। राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार किया।’
ईडी ने कथित तौर पर भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए सोरेन को कई समन जारी किए हैं। सोरेन ने कहा, ‘झारखंड सरकार ने जल्द ही डीवीसी से छुटकारा पाने के लिए और अधिक बिजली पैदा करने का फैसला किया है।’
उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले एक साल में बिजली उत्पादन में राज्य आत्मनिर्भर हो जाएगा और लोगों को अब बिजली के लिए डीवीसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी। सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा बनाई गई नीति के तहत अब लगभग एक लाख उपभोक्ता हजारीबाग जिले में 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने घोषणा की है कि इस महीने उनकी सरकार के चार साल पूरे होने पर गरीबों के लिए और योजनाएं शुरू की जाएंगी। सोरेन ने गरीब लोगों की समस्याओं के संबंध में ‘आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार’ के पहले और दूसरे चरण में प्राप्त क्रमश: 35 लाख और 55 लाख आवेदनों का जिक्र करते हुए दावा किया कि इससे संकेत मिलता है कि पिछली सरकारों ने झारखंड के लोगों के लिए कुछ नहीं किया