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प्रयागराज में महिला खिलाड़ियों के समर्थन में निकला जुलूस

सहसों,प्रयागराज। राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर जारी महिला पहलवानों का संघर्ष अब उत्तर प्रदेश के गांव-चौराहों तक पहुंच गया है। बेटियों संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं…, बहनों संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं…, महिला पहलवानों को न्याय दो…, बलात्कारी बृजभूषण को गिरफ्तार करो… आदि नारों के साथ सहसों चौराहे पर लोगों ने महिला पहलवानों […]

सहसों,प्रयागराज। राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर जारी महिला पहलवानों का संघर्ष अब उत्तर प्रदेश के गांव-चौराहों तक पहुंच गया है। बेटियों संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं…, बहनों संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं…, महिला पहलवानों को न्याय दो…, बलात्कारी बृजभूषण को गिरफ्तार करो… आदि नारों के साथ सहसों चौराहे पर लोगों ने महिला पहलवानों के समर्थन में विरोध-जुलूस निकाला और जनसभा की। प्रदर्शऩ के दौरान लोगों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग की। विरोध-प्रदर्शन शुरु होने से पहले ही कार्यक्रम स्थल पर स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) का एक इंटेलिजेंट आ गया, जो कार्यक्रम के आखिर तक मौजूद था।

विरोध-जुलूस निकालने के बाद प्रदर्शन एक जनसभा में तब्दील हो गयी। प्रदर्शन में वक्ताओं ने कहा कि यह शर्मनाक है कि देश का सम्मान बढ़ाने वाली महिला कुश्ती पहलवानों को अपने सम्मान की रक्षा करने के लिए लगातार संघर्ष करना पड़ रहा है। कुश्ती संघ के अध्यक्ष व भाजपा सांसद उनका यौन उत्पीड़न करते हैं और सरकार ऐसे अपराधियों का संरक्षण करती है। गौरतलब है कि भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कई महिला पहलवानों ने यौन-शोषण का आरोप लगाया है। जंतर-मंतर पर धरना दे रही महिला खिलाड़ियों का सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस द्वारा दमन किया जा रहा है। उनके साथ बदसलूकी की जा रही तथा धरना स्थल की बिजली भी काट दी जा रही है, जिन बिस्तरों पर खिलाड़ी बैठते-लेटते हैं उस पर पानी फेंक दिया जा रहा है। अन्य माध्यमों से भी खिलाड़ियों को परेशान किया जा रहा है, लेकिन खिलाड़ी मजबूती से लड़ रहे हैं। उनको किसानों, मजदूरों, छात्रों और नौजवानों का समर्थन मिल रहा है।

जनसभा को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिलाध्यक्ष मुन्नी लाल यादव ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जे छिनरा उहै डोली के संग। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े नेता महात्मा बलात्कार कर रहे हैं और इस देश की जनता चुपचाप बर्दाश्त कर रही है। आज देश में शिक्षा, स्वास्थ्य रोज़गार नहीं है लेकिन किसी के अंदर बौखलाहट नहीं है। केवल हिन्दू-मुस्लिम और मंदिर-मस़्जिद हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि पॉक्सो (PACSO) एक्ट में ऐसा प्रावधान है कि पुलिस तुरन्त गिरफ्तार करती है। ब्रजभूषण पर भी पॉक्सो एक्ट लगा हुआ है। ये तानाशाही सरकार है। योगी कहते हैं अपराधियों को मिट्टी में मिला देंगे। उस ज़ालिम से पूछिए जिस पर 302 का मुक़दमा है। कई केस में वे खुद मुज़रिम है। किसान नेता ने आगे कहा कि गुंडे बदमाश शासन कर रहे हैं। तो जैसे-लोग शासन करेंगे वैसा देश का माहौल होगा। लड़कियों ने बहुत गंभीर आरोप लगाया है। लेकिन देश के प्रधानमंत्री केवल चुनावी प्रचार में लगे हुए हैं।

[bs-quote quote=”जब साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और गीता फोगाट मेडल लेकर आईं थीं तब आमजन भी उस फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर कर रहा था। आज जब वही महिला खिलाड़ी अपने ख़िलाफ़ शोषण को लेकर धरने पर बैठी हैं तो आमजन के सोशल मीडिया पर ये फोटो हैं या नहीं? यह सवाल खुद से सवाल करिए। आइना देखिए कि कहीं आप पाखंडी तो नहीं हैं? यही पाखंड शोषण करने वालों का मन बढ़ाता है।” style=”style-2″ align=”center” color=”” author_name=”” author_job=”” author_avatar=”” author_link=””][/bs-quote]

सामाजिक कार्यकर्ता लल्लू प्रसाद यादव ने कहा कि महिलाओं के ख़िलाफ़ देश में जो घटनायें लगातार हो रही हैं वो सरकार की साजिश हैं। कहा कि हम ऐसी घटनाओं के प्रति लगातार विद्रोह ही नहीं कर रहे हैं इसलिए ये घटनायें बढ़ती जा रही हैं। खुलेआम लोगों की हत्या की जा रही है। न्यायिक हिरासत में लोगों को मार दिया जाता है। ये सारी घटनाएं लोकतंत्र को नेस्तनाबूद कर देंगी। कहा कि हमारे दिमाग में इतना भय बैठा दिया गया है कि हम किसी धरने और जूलूस-प्रदर्शन में जाएंगे तो हमारे ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई हो जाएगी। हमारे घर गिरा दिए जाएंगे। भय की क्रोनोलॉजी को उजागर करते हुए लल्लू प्रसाद ने कहा कि आज छोटी-छोटी बातों पर लोगों के ख़िलाफ ऐसी कार्रवाई कर दी जा रही है कि लोग सड़क पर एकजुट न होने पाए। यह सरकार हिटलर की विचारधारा से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ये महिला पहलवान देशभक्त हैं। ऐसे लोगों पर होने वाले यौन शोषण पर एफआईआर और तत्काल कार्रवाई नहीं हो रही है तो साधारण लोगों के ख़िलाफ़ यह दृश्य चिंता का विषय हैं।

इंटरमीडिएट कॉलेज के प्रबंधक संजय सम्राट ने कहा कि देश की महिलाओं के साथ हो रहे यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने के लिए हम चौराहे पर हैं। इस सरकार में बोलना-न बोलना, एक बराबर है, क्योंकि इस सरकार के पास कान ही नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया के ख़िलाफ़ जांच में कुछ भी नहीं मिला, लेकिन उन्हें जेल भेज दिया गया। वहीं, बृजभूषण सिंह के ख़िलाफ़ इतने मुक़दमे हैं और आरोप सिद्ध होने के बाद भी आज तक सरकार ने उसके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की। जंतर-मंतर पर करीब पंद्रह दिनों से महिला खिलाड़ी अपनी आवाज़ उठा रही हैं। तमाम दलों के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता जंतर-मंतर पर पहुंचकर खिलाड़ियों का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार का कोई प्रतिनिधि वहाँ तक नहीं पहुँचा।

जनसभा का संचालन कर रहे एसएफआई उपाध्यक्ष आशीष ने राहत इंदौरी का एक शेर सुनाया, “जो दुनिया का तौर है उसी तौर से बोलो, ये बहरों का इलाका है ज़रा ज़ोर से बोलो…।” आशीष ने उन्नाव, हाथरस, जालौन सहित महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न की घटना का ज़िक्र करते हुए पूरे मामलों पर विस्तृत चर्चा की। भाजपा सरकार में कुलदीप सिंह सेंगर, चिन्मयानन्द, अजय मिश्रा ‘टेनी’, बृजभूषण सिंह जैसे अपराधियों को मिलने वाला सरकारी संरक्षण दिखाता है कि भाजपा नेता कानून से ऊपर हैं और महिला विरोधी हैं। महिलाओं पर बढ़ते अपराध और अपराधियों को मिलने वाला संरक्षण सरकार के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे की पोल खोल देता है।

कुश्ती संघ के अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ रोष जताते लोग

ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन के जिला महामंत्री यशवंत सिंह ने कहा कि इस सरकार में महिलाओं के साथ भेदभाव, नाइंसाफ़ी और उनका शोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमें ऐसा लगता है कि इसमें भारत के प्रधानमंत्री भी इन्वाल्व हैं। वो दावा करते हैं कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ लेकिन उन्हें महिला पहलवानों की चीखें, उनके आंसू क्यों सुनाई-दिखाई दे रहे हैं। यशवंत ने मौनम् सम्मति लक्षणम् का ज़िक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मौन हैं, इसका मतलब है कि वे स्वीकार कर रहे हैं, बृजभूषण बलात्कारी है। इसके बावजूद भी उसके खिलाफ़ कार्रवाई नहीं हो रही है। एक कुकर्मी व्यक्ति को किसी भी पद पर रहने का कोई हक़ नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि भारत देश का झंडा विदेशों में लहराने वाली महिला पहलवानों की ये दशा देश के लिए शर्मनाक है।

सीआईटीयू के जिलाध्यक्ष विकास स्वरूप ने कहा कि ये शर्मनाक घटना है कि महिला खिलाड़ी न्याय के लिए धरने पर बैठी हैं और सरकार का कोई प्रतिनिधि बात तक करने नहीं आया। सरकार कह रही है कि पहले जांच करेंगे फिर एफआईआर। जबकि ये अनपढ़ व्यक्ति भी जानता है कि किसी के ख़िलाफ़ कोई शिक़ायत आती है तो पहले एफआईआर दर्ज़ करते हैं फिर जांच। उसके बाद आरोपी यदि निर्दोष है तो बरी कर देंगे नहीं तो सज़ा दी जाती है। बृजभूषण सिंह भाजपा सरकार का आदमी है तो पहले जांच करेंगे, ये कैसा नियम है। उन्होंने कहा कि इस मसले को लेकर देशभर के लोग महिला खिलाड़ियों के साथ एकजुटता दिखा रहे हैं और सरकार के ख़िलाफ़ भी रोष जता रहे हैं। दिल्ली में उनके साथ किसान, मज़दूर, वकील सब आ रहे हैं। कितनी शर्मनाक बात है कि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एफआईआर दर्ज़ हो रहा है।

जुलूस के दौरान

विकास स्वरूप ने कहा कि जब साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और गीता फोगाट मेडल लेकर आईं थीं तब आमजन भी उस फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर कर रहा था। आज जब वही महिला खिलाड़ी अपने ख़िलाफ़ शोषण को लेकर धरने पर बैठी हैं तो आमजन के सोशल मीडिया पर ये फोटो हैं या नहीं? यह सवाल खुद से सवाल करिए। आइना देखिए कि कहीं आप पाखंडी तो नहीं हैं? यही पाखंड शोषण करने वालों का मन बढ़ाता है। सीटू नेता ने आगे कहा कि बृजभूषण सिंह, अमित शाह और नरेंद्र मोदी को पता है कि जब महिमामंडन होगा तभी सब लोग महिमामंडन करेंगे। आज जब महिला खिलाड़ी अपने हक़ को लेकर सवाल कर रहीं हैं, तो आपजन चुप्पी साधे हुए हैं। यही चुप्पी सरकार और  शोषण करने वालों की ताक़त बनती जा रही है। ये सिर्फ़ महिला खिलाड़ियों का मामला नहीं है। कल विद्यार्थियों पर भी हमला होगा। रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाने वालों पर भी होगा, क्योंकि शहर को स्मार्ट बनाने और सड़कों को चौड़ी करने के नाम पर इन्हें यहां से भगा दिया जाएगा। विकास ने अंत में मार्टिन निमोलर की कविता पढ़ी- एक-एक कर नंबर सबका आएगा…।

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इस कार्यक्रम को सेन्टर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (CITU), अखिल भारतीय किसान सभा, डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI), स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (SFI) ने संयुक्त रूप से आयोजित किया था। प्रदर्शन में किसान सभा के जिलाध्यक्ष मुन्नी लाल यादव, भोलाशंकर, एसएफआई के उपाध्यक्ष आशीष, ईशू, रिचा, रिया, ऋषि, रणजीत, प्रमोद, एआईएलयू के जिलामंत्री यशवंत सिंह, DYFI के सर्वेश, नरेंद्र, धर्म सिंह, सोनू, रमाकांत, संजय सम्राट, लाल मोहम्मद, लल्लू प्रसाद यादव आदि मौजूद रहे।

सुशील मानव स्वतंत्र पत्रकार हैं।

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