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राजस्थान : विधानसभा में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना समझौते का कांग्रेस ने किया विरोध, सदन की कार्यवाही रुकी

जयपुर (भाषा)। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) पर हुए समझौते को लेकर सोमवार को राजस्थान विधानसभा में हंगामा हुआ, जहां मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य सरकार के बयान पर असंतोष जताते हुए नारेबाजी की। कांग्रेस विधायकों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार बीस-बीस मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। इस मुद्दे […]

जयपुर (भाषा)। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) पर हुए समझौते को लेकर सोमवार को राजस्थान विधानसभा में हंगामा हुआ, जहां मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य सरकार के बयान पर असंतोष जताते हुए नारेबाजी की। कांग्रेस विधायकों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार बीस-बीस मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

इस मुद्दे पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए राज्य सरकार की ओर से आश्वस्त किया गया कि समझौते से राजस्थान को भरपूर पानी मिलेगा। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने आरोप लगाया कि पिछली कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में इस योजना को लागू करने के लिए कोई भी सार्थक प्रयास नहीं किया।

दोनों राज्यों के बीच संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल (पीकेसी), पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसको लेकर मंगलवार को सदन में चर्चा हुई।

इसकी शुरुआत में राज्य के जल संसाधन मंत्री ने कहा कि संशोधित पार्वती कालीसिंध (पीकेसी) लिंक योजना को मूर्त रूप देने के लिए एक समझौते पर 28 जनवरी को हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने कहा कि यह एमओयू दोनों ही राज्यों के लिए स्वर्णिम युग का सूर्योदय होगा। उन्होंने कहा कि योजना राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

सरकार की ओर से कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार इस परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश की सहमति नहीं ले पाई।

उन्होंने कहा, ‘हमारे मुख्यमंत्री एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस परियोजना पर सहमति दे दी चूंकि हम आपसे सहमति नहीं ले पाए- तो ‘डबल इंजन” की सरकार ने जो काम किया है उससे आपको (विपक्ष को) दिक्कत है।’

उन्होंने कहा, ‘भरपूर पानी मिलेगा। मैंने जो आंकड़े दिए हैं, उसके हिसाब से उद्योगों एवं किसानों का विकास होगा। 2.80 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी।’

इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा कि सरकार यह बताए कि नए समझौते के तहत राजस्थान को कितना पानी मिलेगा। उन्होंने समझौते में कई कमियां बताते हुए राज्य सरकार से इस पर पुनर्विचार करने की मांग की। कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा ने आरोप लगाया कि इस समझौते के तहत राज्य की भाजपा सरकार ने विश्वासघात किया है और यह राज्य के हितों पर कुठाराघात है।

निर्दलीय विधायक यूनुस खान ने नए समझौते को राजस्थान के हितों से समझौता बताया। विधायक सुभाष गर्ग ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य के पानी के हितों को गिरवी रखा है। कई विधायकों ने समझौते की प्रति सदन के पटल पर रखने की मांग भी की।

सरकार की ओर से मंत्री मीणा के जवाब के बाद विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने चर्चा समाप्त होने की घोषणा की।

कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने नए समझौते से 13 जिलों के हितों पर कुठाराघात किया है। वे नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोबीच में आ गए और ‘पीकेसी धोखा है’ के नारे लगाने लगे। इस बीच सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस होती रही।

अपरान्ह लगभग ढाई बजे अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित की। दोबारा सदन बैठा तो कांग्रेस विधायकों ने आसन के समीप नारेबाजी जारी रखी। अध्यक्ष देवनानी ने उन्हें अपनी सीट पर लौटने का आग्रह किया लेकिन विधायकों ने इसकी अनदेखी कर दी। इस पर देवनानी ने सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए और स्थगित करने की घोषणा की। बाद में कार्यवाही शुरू हुई तो अध्यक्ष ने बताया कि सदन में आज राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर आगे चर्चा होनी है और नेता प्रतिपक्ष तथा मुख्यमंत्री की ओर से बात रखी जानी है इसको देखते हुए आगे कार्यवाही शुरू की गई।

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