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विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित

नयी दिल्ली(भाषा)। संसद की सुरक्षा में चूक मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराने की मांग खारिज किए जाने के बाद विपक्षी दलों ने सोमवार को राज्यसभा में हंगामा किया, जिस वजह से उच्च सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।  हंगामे की वजह से […]

नयी दिल्ली(भाषा)। संसद की सुरक्षा में चूक मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराने की मांग खारिज किए जाने के बाद विपक्षी दलों ने सोमवार को राज्यसभा में हंगामा किया, जिस वजह से उच्च सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

 हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्य काल और प्रश्न काल नहीं हो सके। पहली बार के स्थगन के बाद 11.30 बजे जैसे ही सदन की बैठक आरंभ हुई सभापति जगदीप धनखड़ ने श्रीलंका से आए संसदीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी की सदस्य कांता कर्दम को शून्य काल के तहत अपने मुद्दे उठाने को कहा। इसी समय विपक्षी सदस्यों का हंगामा और शोरगुल आरंभ हो गया।

 हंगामे के बीच ही कर्दम ने कर्नाटक के बेलगावी में एक महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने का मुद्दा उठाया और कहा कि इस घटना के दौरान राज्य पुलिस तमाशबीन बनी रही और इसके लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को लताड़ भी लगाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक में अराजकता का माहौल है और हर कोई, खासकर महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। इस दौरान, धनखड़ ने हंगामा कर रहे सदस्यों से सदन में व्यवस्था बनाने की अपील की। उन्होंने कांग्रेस की जेबी माथेर हिशम और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के बिनय विस्वम को उनके व्यवहार के लिए चेतावनी भी दी।

सदन में हंगामा बढ़ता देख धनखड़ ने कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले, सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही धनखड़ ने कुवैत के शासक अमीर शेख नवाफ अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के निधन का उल्लेख किया और उसके बाद पूरे सदन ने कुछ क्षण मौन रख उन्हें श्रद्धांजलि दी। सभापति ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत चर्चा कराने के लिए कुल 22 नोटिस मिले हैं लेकिन उन्होंने उन नोटिस को अस्वीकार कर दिया है। विपक्षी सदस्यों ने इसका विरोध किया और आसन से आग्रह किया कि इस मुद्दे पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने का अवसर दिया जाए। विपक्ष के कुछ सदस्यों ने सभापति से आग्रह किया कि जिन नोटिस को उन्होंने अस्वीकार कर दिया है, कम से कम उसकी विषय वस्तु का उल्लेख करें।

कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल, जयराम रमेश और राजीव शुक्ला ने कहा कि संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सदन के बाहर बयान दे रहे हैं लेकिन विपक्षी सदस्यों को इस मुद्दे को सदन में उठाने नहीं दिया जा रहा है। हालांकि, सभापति ने उनकी मांग खारिज करते हुए शून्य काल आरंभ कराया और इसके लिए पहले भाजपा की कांता कर्दम और फिर कांग्रेस के प्रमोद तिवारी का नाम पुकारा। कर्दम उस वक्त अपने स्थान पर नहीं थीं। तिवारी ने कहा कि वह महत्वपूर्ण मुद्दा उठाना चाहते हैं लेकिन पहले विपक्ष के नेता खरगे को बोलने का मौका दिया जाए।

 सभापति ने जब खरगे को बोलने का मौका नहीं दिया तो विपक्षी सदस्य हंगामा और नारेबाजी करने लगे। इसी दौरान, धनखड़ ने कुछ विपक्षी सदस्यों के आचरण पर आपत्ति जताई। कुछ विपक्षी सदस्यों के हाथों में ‘प्ले कार्ड’ भी देखा गया। इसके तत्काल बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

ताज़ा अपडेट के अनुसार विपक्ष के हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजकर करीब 15 मिनट पर अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

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