Friday, November 22, 2024
Friday, November 22, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमपूर्वांचलशिवसेना मामले में राउत ने किया कटाक्ष, कहा- नार्वेकर ने भाजपा कार्यकर्ता...

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

शिवसेना मामले में राउत ने किया कटाक्ष, कहा- नार्वेकर ने भाजपा कार्यकर्ता के रूप में काम किया

मुंबई (भाषा)। शिवसेना (यूबीटी) ने आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी को ‘असली’ शिवसेना के रूप में मान्यता देने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘चोरों के गिरोह’ को मान्यता देकर संविधान को कुचल दिया गया है। शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय […]

मुंबई (भाषा)। शिवसेना (यूबीटी) ने आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी को ‘असली’ शिवसेना के रूप में मान्यता देने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘चोरों के गिरोह’ को मान्यता देकर संविधान को कुचल दिया गया है।

शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में कहा गया कि महाराष्ट्र की जनता इसमें शामिल लोगों को माफ नहीं करेगी। संपादकीय में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर भी निशाना साधा।

पार्टी के सांसद संजय राउत ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नार्वेकर को न्याय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी लेकिन उन्होंने शिंदे के वकील के रूप में काम किया।

नार्वेकर ने बुधवार को माना कि 21 जून, 2022 को शिवसेना में विभाजन के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला धड़ा ही ‘असली राजनीतिक दल’ (असली शिवसेना) है और उन्होंने दोनों गुटों के किसी भी विधायक को अयोग्य नहीं ठहराया।

नार्वेकर का यह फैसला शिंदे के पक्ष में आया जो मुख्यमंत्री के लिए बड़ी राजनीतिक जीत है।

शिवसेना में विभाजन के 18 महीने बाद इस फैसले से शीर्ष पद के लिए शिंदे की जगह पक्की हो गई है। वहीं, लोकसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन में उनकी राजनीतिक ताकत भी बढ़ गई है। सत्तारूढ़ गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अजित पवार गुट भी शामिल है।

‘सामना’ के संपादकीय में नार्वेकर पर निशाना साधते हुए कहा गया, ‘चोरों के गिरोह को मान्यता देकर संविधान को कुचल दिया गया।’ इसमें कहा गया कि अध्यक्ष का फैसला पहले से ही तय था और इसमें हैरान होने वाली कोई बात नहीं है।

मराठी भाषी दैनिक अखबार ने कहा, ‘अध्यक्ष का लंबा-चौड़ा फैसला दिल्ली में उनके आकाओं ने लिखा था।’ आरोप लगाया गया है कि बाल ठाकरे की शिवसेना को ‘गद्दारों’ के हवाले करने का फैसला ‘महाराष्ट्र के साथ बेईमानी’ में शामिल होने के समान है।

‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया कि नार्वेकर के पास इतिहास रचने का मौका था लेकिन उन्होंने ऐसा फैसला दिया जिसने लोकतंत्र के चेहरे पर ‘कालिख’ पोत दी।

शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि यह अपेक्षित था कि निर्णय यही होगा और उन्होंने ‘मैच फिक्सिंग’ का आरोप लगाया। राउत ने दावा किया कि लोगों के मन में रोष है। उच्चतम न्यायालय ने नार्वेकर को न्याय करने की जिम्मेदारी दी थी लेकिन उन्होंने शिंदे के वकील के रूप में काम किया। वकील नार्वेकर ही शिंदे के समूह के लिए पैरवी कर रहे थे।

राउत ने कहा कि नार्वेकर का पार्टी के 2018 के संविधान को मानने से इनकार करना गलत है क्योंकि इसे उच्चतम न्यायालय के समक्ष रखा गया है।

राज्यसभा सदस्य ने दावा किया कि नार्वेकर ने भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में काम किया, न कि न्यायाधिकरण के रूप में।’ उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस मामले में उच्चतम न्यायालय जाएगी।

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here