Monday, November 11, 2024
Monday, November 11, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमशिक्षाRTE के बावजूद दाखिले के लिए की जा रही है वसूली

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

RTE के बावजूद दाखिले के लिए की जा रही है वसूली

अभिभावकों ने कहा स्कूल प्रबंधन कर रहा मनमानी, सीएम योगी से की शिकायत वाराणसी। राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के तहत पहले चरण में जनपद के विभिन्न निजी स्कूलों में शिक्षा विभाग के दावे के अनुसार अब तक लगभग 4000 से अधिक बच्चों का दाखिला मुफ्त हो चुका है। निजी स्कूलों को इन बच्चों से कोई शुल्क न […]

अभिभावकों ने कहा स्कूल प्रबंधन कर रहा मनमानी, सीएम योगी से की शिकायत

वाराणसी। राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के तहत पहले चरण में जनपद के विभिन्न निजी स्कूलों में शिक्षा विभाग के दावे के अनुसार अब तक लगभग 4000 से अधिक बच्चों का दाखिला मुफ्त हो चुका है। निजी स्कूलों को इन बच्चों से कोई शुल्क न लेने का निर्देश है। इसके बावजूद कई विद्यालय इन बच्चों के अभिभावकों से विभिन्न मदों में शुल्क वसूल रहे हैं। कुछ अभिभावकों ने इसकी शिकायत बीईओ से भी की है। बीईओ ने ऐसे विद्यालयों से सप्ताहभर के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है। अन्यथा उनके खिलाफ आरटीई एक्ट के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

ग़ौरतलब हो कि निःशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार 2009 के तहत निजी स्कूलों में कक्षा एक के सीट के सापेक्ष 25 फीसद मुफ्त दाखिला अलाभित समूह व दुर्बल आय वर्ग के बच्चों को देने का प्रावधान है। निजी विद्यालयों को शासन प्रति छात्र 450 रुपये प्रतिमाह की दर से शुल्क प्रतिपूर्ति देता है। वहीं अभिभावकों को बच्चों की किताब-कॉपी व ड्रेस के लिए 5000 रुपये सालाना देता है।

रूबल सोनकर की स्कूल प्रोसेसिंग और एग्जाम फ़ीस की रसीद

इसके बावजूद कई विद्यालयों में ऐसे बच्चों के अभिभावकों से विभिन्न मदों में शुल्क की मांग की जा रही है। इसके पीछे विद्यालयों का तर्क है कि उन्हें शासन से विगत तीन साल से कोई शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिला है। आरटीई के तहत नि:शुल्क दाख़िला प्राप्त राजातालाब निवासी रूबल सोनकर के अभिभावक किशन सोनकर से प्रोसेसिंग और परीक्षा शुल्क के अलावा रिएडमिशन यानी कक्षा 5 में प्रवेश के लिए दीपापुर स्थित उक्त निजी स्कूल द्वारा 5 हज़ार से अधिक रुपये लिए जाने का मामला सामने आया है। शिकायत पर इन निजी स्कूलों को शिक्षा विभाग द्वारा नोटिस दिया जाएगा। इसी तरह की एक शिकायत लेकर गुरुवार को अभिभावक बीईओ कार्यालय आराजी लाइन पहुंचे। बताया कि दीपापुर स्थित सृजन पब्लिक स्कूल द्वारा एडमिशन के नाम पर तीन हजार रुपये मांगा जा रहा है। रसीद भी नहीं दिया जा रहा है। बीईओ कार्यालय द्वारा शिकायत की जांच करने का आश्वासन देते हुए अभिभावकों को वापस लौटा दिया गया।

आरोप के मुताबिक, दाखिला के लिए चयनित छात्र के पिता अनिल पटेलसंजीव गुप्ता अपने बच्चे का एडमिशन के लिए उपरोक्त निजी स्कूल पहुंचे, जहां स्कूल प्रबंधकों द्वारा सिर्फ मंथली फीस ही माफ करने की बात कहते हुए तीन हजार रुपये एडमिशन फीस मांगी गई। इसी तरह की शिकायत दूसरे स्कूलों की भी मिली है। अभिभावकों ने इस मामले की शिकायत आईजीआरएस पोर्टल पर सीएम योगी से की है।

फ़ीस कार्ड

इस प्रकरण में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख अजय पटेल ने कहा कि कुछ निजी स्कूल प्रबंधन सरेआम नियमों का उल्लंघन कर छात्र व अभिभावकों का आर्थिक व मानसिक शोषण कर रहे हैं। ट्रस्ट ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की है। हिमाद्री ट्रस्ट के प्रमुख राजकुमार गुप्ता ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली से बाल आयोग, मुख्यमंत्री सहित शीर्ष अफसरों को डिजिटली अवगत कराया है।

इस बाबत बीईओ ने बताया कि अगर अभिभावक बच्चे के लिए ट्रांसपोर्ट लेते हैं तो ट्रांसपोर्ट शुल्क के अलावा कोई और शुल्क देने का प्रावधान नहीं है।

आरटीई नोडल अधिकारी राहुल चतुर्वेदी ने कहा कि निजी स्कूलों द्वारा आरटीई के तहत नि:शुल्क दाखिला के लिए रुपये की मांग की शिकायतें सामने आने पर संबंधित स्कूलों को नोटिस दिया जाएगा। कुछ स्कूलों द्वारा बच्चों का नि:शुल्क दाखिला भी लिया गया है। शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए शासन को डिमांड भेज दी गई है। ऐसे में यदि कोई विद्यालय आरटीई के तहत दाखिला पाने वाले बच्चों से कोई शुल्क लेता है तो नियमानुसार उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

राजकुमार गुप्ता वाराणसी में सामाजिक कार्यकर्ता हैं।

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।
5 COMMENTS
  1. Sir mere bhi bache ka pandit Dindayal kanpur me rte me hua hi lekin school admission nhi kr rhapsody hi call Karen abhi tak koy call nhi aya hi me Kay kart

  2. Government books or dress k liye jo paise deti hai use school ko na dekr parents k account me dalwaye to jyada better hoga… Bcoz school wale only fees hi maf krte h.. Baki kharche parents khud hi krte h… Or ye ek ki nhi sb ki hi problm h

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here