मध्य प्रदेश के बक्सवाहा जंगलो की कटान को रोकने की गुहार करने साइकिल से निकले दो युवकों का वाराणसी पहुंचने पर गर्म जोशी से स्वागत किया गया.
22 जुलाई को बिहार के मुजफ्फरपुर से साइकिल से निकले दो युवा सिद्धार्थ झा और राजीव कुमार बुधवार को वाराणसी पहुंचे , काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर वाराणसी के पर्यावरण प्रेमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया . सिद्धार्थ झा राजीव गांधी दक्षिणी कैम्पस बरकछा के इंजीनियरिंग के छात्र हैं वहीं राजीव मगध विश्विद्यालय के छात्र हैं . ये युवा मध्य प्रदेश के बक्सवाहा के जंगलों की कटाई को रोकने की गुहार लगाने के लिए साइक्लि से निकले हैं जो छतरपुर तक जायेंगे और वहां चल रहे आन्दोलन में शामिल होंगे.
अपनी साइकिल यात्रा के बारे सिद्धार्थ झा ने बताया कि मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में राज्य सरकार ने एक निजी कंपनी आदित्य बिरला ग्रुप की एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड)को बक्सवाहा के जंगलों की कटाई करने की अनुमति दे दी है। यह अनुमति इस क्षेत्र में पाई जाने वाली हीरों की खानों की खुदाई के सन्दर्भ में दी गई है। अनुमान है कि 382.131 हेक्टेयर के इस जंगल क्षेत्र के कटने से 40 से ज्यादा विभिन्न प्रकार के दो लाख 15 हजार 875 पेड़ों को काटना होगा। इससे इस क्षेत्र में रहने वाले लाखों वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास पर भी असर पड़ेगा। देश भर के पर्यावरण के प्रति सचेत सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस कटान का विरोध दर्ज कराया है .
वाराणसी पहुँचने पर स्वागत करने वालों में प्रमुख रूप से देव एक्सेल फाउंडेशन के सचिव विनय सिंह, वल्लभाचार्य पाण्डेय, राजकुमार पटेल, हर्षित शुक्ल, महेंद्र राठोर, इंदु पाण्डेय, धनञ्जय त्रिपाठी, राम जनम , अजय पटेल, अनूप, जागृति राही, मनीष, दिवाकर, राज, साक्षी, प्रज्ञा आदि शामिल रहे.
वल्लभाचार्य पाण्डेय
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