सरकार ने डिजिटल विज्ञापन नीति पेश की
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक डिजिटल विज्ञापन नीति पेश की जो प्रतिमाह न्यूनतम 2.5 लाख अद्वितीय उपयोगकर्ताओं वाली वेबसाइट, ओटीटी और पॉडकास्ट जैसे अन्य डिजिटल मंचों को प्रचार अभियान के लिए सूचीबद्ध होने में सक्षम बनाएगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा पेश की गई नीति, केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) को डिजिटल मीडिया क्षेत्र में प्रचार करने में सक्षम और सशक्त बनाएगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक अग्रणी ‘डिजिटल विज्ञापन नीति, 2023’ स्वीकृति दे दी है। केन्द्रीय संचार ब्यूरो डिजिटल मीडिया क्षेत्र में अभियानों का संचालन करने के लिए भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण विज्ञापन शाखा है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वेबसाइट को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया को तर्कसंगत बनाने के अलावा, सीबीसी अब पहली बार अपने सार्वजनिक सेवा अभियान संदेशों को मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से प्रसारित करने में सक्षम होगा। यह नीति पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करते हुए दर खोज के लिए प्रतिस्पर्धी बोली भी पेश करती है। इस प्रक्रिया के माध्यम से खोजी गई दरें तीन साल तक वैध रहेंगी और सभी पात्र एजेंसियों पर लागू होंगी। ट्राई के भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदर्शन संकेतक जनवरी-मार्च 2023 के अनुसार, भारत में इंटरनेट की पहुंच 88 करोड़ से अधिक है और दूरसंचार ग्राहकों की संख्या 117.2 करोड़ से अधिक है।
सोशल मीडिया मंच सार्वजनिक वार्तालाप के लोकप्रिय चैनलों में से एक बनने के साथ, यह नीति उस प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित करती है जिसके माध्यम से सीबीसी इन मंचों पर सरकारी ग्राहकों के लिए विज्ञापन दे सकता है। यह नीति सीबीसी को विभिन्न मंचों के माध्यम से अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए डिजिटल मीडिया एजेंसियों को सूचीबद्ध करने का भी अधिकार प्रदान करती है। सीबीसी के साथ पैनल में शामिल होने के लिए, वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है – दो करोड़ से अधिक अद्वितीय उपयोगकर्ता (ए+), एक से दो करोड़ अद्वितीय उपयोगकर्ता (ए), 50 लाख- एक करोड़ अद्वितीय उपयोगकर्ता (बी) और 2.5 लाख- 50 लाख अद्वितीय उपयोगकर्ता (सी)।
ओटीटी मंचों को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है – श्रेणी ए में 25 लाख से अधिक अद्वितीय उपयोगकर्ता और श्रेणी बी में पांच से 25 लाख अद्वितीय उपयोगकर्ता हैं। सीबीसी के साथ पैनल में शामिल होने के लिए पॉडकास्टर या डिजिटल ऑडियो मंचों के पास कम से कम पांच लाख अद्वितीय उपयोगकर्ता होने चाहिए। ऐसे मंचों को भी ‘ए’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है जिनके पास 25 लाख से अधिक अद्वितीय उपयोगकर्ता हैं और ‘बी’ के रूप में 5लाख-25 लाख के बीच अद्वितीय उपयोगकर्ता हैं।
यह नीति सीबीसी को एक विधिवत गठित समिति की मंजूरी के साथ डिजिटल स्पेस में नए और अभिनव संचार मंचों पर शामिल होने का अधिकार भी देती है। यह पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करते हुए दर खोज के लिए प्रतिस्पर्धी बोली भी पेश करता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से खोजी गई दरें तीन साल तक वैध रहेंगी और सभी पात्र एजेंसियों पर लागू होंगी।
नई दिल्ली(भाषा)। दिल्ली सरकार की कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह की न्यायिक हिरासत की अवधि शुक्रवार को 24 नवंबर तक बढ़ा दी। विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने सिंह को संसद सदस्य के रूप में विकास कार्यों से संबंधित कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने की भी अनुमति दी। न्यायाधीश ने संबंधित अधिकारियों को उन्हें (सिंह को) पंजाब की एक अदालत के समक्ष पेश करने का भी निर्देश दिया, जब उसे सूचित किया गया कि पंजाब के अमृतसर की एक अदालत से एक मामले में पेशी वारंट प्राप्त हुआ है। धन शोधन रोधी एजेंसी ने सिंह को चार अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया कि सिंह ने आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिससे कुछ शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को फायदा हुआ था। हालांकि, इस नीति को अब रद्द कर दिया गया है ।