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बिहार : बर्खास्त 18 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवा पुनः बहाल

पटना। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए लगभग दो महीने पूर्व बर्खास्त किए गए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को फिर से बहाल करने का ऐलान कर दिया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन किया था जिसके उपरान्त सरकार ने कार्रवाई करते हुए हड़ताल […]

पटना। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए लगभग दो महीने पूर्व बर्खास्त किए गए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को फिर से बहाल करने का ऐलान कर दिया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन किया था जिसके उपरान्त सरकार ने कार्रवाई करते हुए हड़ताल में शामिल लोगों को बर्खास्त कर दिया था। लेकिन  नजदीक आ रहे लोकसभा चुनाव से पहले अपनी गलती को उन्होंने सुधारना उचित समझा और इस बात की घोषणा में करने में उन्होंने देरी नहीं की ।

नीतीश सरकार के इस फैसले से राज्य के लोगों खुशी का माहौल व्याप्त है। दरभंगा जिला के टोला गांव निवासी अशोक कहते हैं बीजेपी से अलग होने और राजद से गठबंधन के बाद नीतीश कुमार बिहार में अच्छा काम कर रहे हैं। बीजेपी की सरकार न तो काम करने देती है और न ही काम करती है। वह तो बस पैर खींचने का काम करती है। बीजेपी काम कम करती है, दिखावा का काम ज्यादा करती है।

बीजेपी से अलग होने के बाद नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव स्वतंत्र रूप से फैसले ले रहे है वो भी बिना किसी दबाव के। अशोक आगे कहते हैं कि जहां तक मैं जानता हूं बिहार के इतिहास में पहली बार एक बार में एक लाख से ऊपर की शिक्षकों की भर्ती पूरी हुई। इसके बाद एक और बड़ी भर्ती पूरी होने की प्रक्रिया में है ।

बक्सर जिला भोजपुर के लगनटोला गांव के निवासी रंजन यादव ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि नीतीश कुमार युवाओं के लिए इस समय अच्छे फैसले ले रहे हैं और इसका सबसे बड़ा कारण राजद से उनका गठजोड़। मेरे गांव में एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ती है नीतीश कुमार के इस फैसले की जैसे ही उसको जानकारी हुई वह तो खुशी से झूम उठी।

समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर ब्लाॅक के सिंधिया घाट गांव की रहने वाली कविता कुमारी कहती हैं कि सरकार के इस फैसले से हम लोग बहुत खुश हैं। नौकरी जाने के बाद से मैं बहुत निराश थी। मैं हमेशा यही सोचती थी कि अब हमारे बाल-बच्चों का क्या होगा ? भले ही इस नौकरी में कम पैसा है लेकिन इस बहाने हमारे हाथ में कुछ तो पैसा आ रहा है। नीतीश कुमार इस समय युवाओं के हित में अच्छा काम कर रहे हैं। इसमें काफी हद तक तेजस्वी यादव की भी भूमिका है। तेजस्वी यादव ने चुनाव से पहले ही कहा था कि अगर उनकी सरकार बनी तो बेरोजगार युवाओं को नौकरी दूंगा। उनकी सरकार आयी तो वे अपनी पहली कलम से युवाओं को रोजगार देने का काम करेंगे। यह उन्होंने कर भी दिखाया ।

इसी इलाके की आंगनबाड़़ी कार्यकर्ता रेनू कुमारी कहती हैं नीतीश कुमार एक अच्छे मुख्यमंत्री हैं। वे किसी का बुरा नहीं चाहते। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव मिलकर इस समय बिहार के युवाओं के भविष्य को सवार रहे है । एक समय था जब बिहार के लड़के यूपी में नौकरी के भटकते थे। आज यूपी के लड़के बिहार की चौखट पर खड़े हो नौकरी के लिए दरवाजे खटखटा रहे हैं। बिहार के इतिहास में युवाओं के मद्देनजर इस तरह के अवसर और फैसले लेने का मद्दा हम पहली बार देख रहे हैं। इससे हम खुश हैं। सरकार से हमारी बस यही मांग है कि बर्खास्तगी के दौरान के पैसे का भुगतान हमें कर दे ।

बहरहाल जो भी हो नीतीश कुमार भी राजनीति के अखाड़े के एक सधे हुए पहलवान हैं। एक तरफ लोकसभा चुनाव से पहले शिक्षकों की बंपर भर्ती निकालकर बेरोजगार युवकों के दिल में जगह बनायी तो दूसरी तरफ सोने पे सुहागा यह है कि 18 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बहाल करके धोबिया पछाड़ दाव से विपक्ष को मुद्दाहीन करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

गाँव के लोग
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