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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़
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राजेंद्र यादव
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राजेंद्र यादव
संस्कृति
दीवारों में चिनी हुई चीखें -3
गाँव के लोग
-
November 25, 2021
तीसरा और अंतिम हिस्सा उन दिनों नूं रानियां ( बहूरानियां ) सिर्फ कहने को रानियां थीं, औकात दासियों से बदतर थी। अपनी मर्जी से कोई...
संस्कृति
सेचुरेशन पॉयन्ट पर पहुंचने के बाद औरत के संबंध महज एक औपचारिकता भर रह जाते हैं – 3
गाँव के लोग
-
November 18, 2021
मन्नू जी ने सचमुच आत्मकथा लिखी ही कहां! लिखना संभव ही नहीं था। मन्नू जी के साथ दिक्कत यह है कि उन्होंने अपनी त्रासदी...
संस्कृति
पीढ़ियों का अन्तराल जहाँ बाहरी बदलाव करता है वहीँ सोच और परिभाषाएँ भी बदल जाती हैं (चौथा और अंतिम भाग)
गाँव के लोग
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November 15, 2021
चौथा और अंतिम भाग एम.ए. करते ही मुझे कलकत्ता में ही नौकरी मिल गई तो अब साल में कुल दो बार छुट्टियों के दौरान...
संस्कृति
मैं कभी किसी कहानी आंदोलन का हिस्सा नहीं रही
गाँव के लोग
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October 11, 2021
बातचीत का पहला हिस्सा आप अपने बचपन के बारे में कुछ बताएं! पुराने घर की कुछ स्मृतियां? कलकत्ता में बीते बचपन की पुरानी स्मृतियों में एक...
विचार
शब्द, सत्ता, सरोकार और राजेंद्र यादव डायरी (30 अगस्त, 2021)
गाँव के लोग
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August 30, 2021
शब्द और सत्ता के बीच प्रत्यक्ष संबंध होता है। यह मेरी अवधारणा है। शब्द होते भी दो तरह के हैं। एक वे शब्द जो...
संस्कृति
कोई बिगड़े तो ऐसे, बिगाड़े तो ऐसे! (राजेन्द्र यादव का मूल्यांकन और स्मरण)
गाँव के लोग
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August 28, 2021
(राजेन्द्र यादव का मूल्यांकन और स्मरण) कोई बिगाड़ने वाला हो तो साहित्यकार राजेंद्र यादव एवं उनकी हंस जैसा, और बिगाड़े तो ऐसे जैसे राजेन्द्र दा...
संस्कृति
राजेंद्र यादव को मैं इसलिए भंते कहता हूँ कि उन्होंने साहित्य में दलितों और स्त्रियों के लिए जगह बनाई
गाँव के लोग
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August 28, 2021
राजेंद्र यादव के बारे में मैं जब भी सोचता हूँ, प्रसिद्ध शायर शहरयार की ये पंक्तियाँ मेरे जेहन में उभरने लगती हैं - उम्र भर...
बहुजन
आपकी स्वतन्त्रता ही हमारी गुलामी है – राजेंद्र यादव
गाँव के लोग
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August 28, 2021
(राजेंद्र यादव को दिवंगत हुये आठ वर्ष हो गए। बेशक इन आठ वर्षों में सुसंबद्ध और निर्भीक ढंग से भारत की संघर्षशील जनता की...
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सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख : अभिन्न जीवन साझा सरोकार
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस से तत्कालीन आरएसएस प्रमुख बीमारी का बहाना बनाकर क्यों नहीं मिले
January 23, 2025
चुनार पॉटरी उद्योग : कभी चमचमाता कारोबार अब एक भट्ठी की आस लिए बरबादी के कगार पर
January 22, 2025
आजमगढ़ पूर्वांचल एक्सप्रेस वे : सरकारी पट्टा प्राप्त भूमिहीनों को ज़मीन के बदले नहीं दिया गया मुआवज़ा
January 22, 2025