दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) से कहा है कि वायु प्रदूषण के कारण लोगों का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है, लोगों में चीजों को याद रखने से जुड़ी समस्याएं आ रही हैं और जीवन की चुनौतियों से निपटने की क्षमता कम हो गई है।
'अन्नदाता सुखी भव:' एक किताबी उक्ति बनकर रह गई है, हकीकत निराशाजनक है। देश का अन्नदाता दुःखी है। अन्नदाता आत्महत्या करने को मजबूर है। किसानों की दशा सुधारने के लिए किए गए वायदे खोखले ही साबित हुए हैं।
जलवायु परिवर्तन के बढ़ते संकट के बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने भारी वर्षा और चक्रवात जैसी चरम घटनाओं को लेकर पूर्वानुमान की सटीकता के लिए AI के प्रयोग की बात की है।
संतरा किसान मनोहर कहते हैं, ‘बारिश से फसल खराब होने के बाद जब मुझे इन सवालों के जवाब नहीं मिले तो मेरे मन में कुएं में कूदने का विचार आया। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ ? इसलिए मैं कुएं में कूद गया। मुझे कुएं से मेरे कुछ साथियों ने बाहर निकाला।’
भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में बिजली की घटनाओं की संख्या 2019 में 65,666 से बढ़कर 2022 में 1,74,332 हो गई है। 3 वर्षों के भीतर ही 172% की वृद्धि दर्ज की गई है।
जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में बाढ़ और सूखे के हालात पैदा होने का खतरा बढ़ रहा है। अभी जलवायु परिवर्तन की अंतर सरकारी समिति (आईपीसीसी) की "जलवायु परिवर्तन 2022 के प्रभाव" पर आई ताजा रिपोर्ट भारत के खेती-किसानी के लिए खतरा पैदा करने वाली है।