शुरू से ही सवालों और संदेहों के घेरे में रही, सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में बंद कर दी गई इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को लेकर गुजरात से चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज फिर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने एसबीआई को फटकार लगाई और इलेक्टोरल बॉन्ड के नंबर जारी करने का भी आदेश दिया।
बीस राजनानैतिक दलों ने चुनावी बॉन्ड से चन्दा उगाही की है। केवल माकपा ने चंदा भी नहीं लिया और कोर्ट में इस गोरखधंधा को उजागर करने के लिए चुनौती दी है।सर्वोच्च न्यायालय ने चुनावी बॉन्ड रद्द करते हुए मतदाताओं के पक्ष में कहते हुए फैसला दिया कि कंपनियां भारी फंडिंग करती है, तो क्या निर्वाचित लोग मतदाताओं के प्रति उत्तरदायी होंगे?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर कहा कि “नरेंद्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत आपके सामने है। भाजपा ने इलेक्टोरल बॉण्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था। आज इस बात पर मुहर लग गई है।“
सीजेआई ने कहा कि हमारी राय है कि कम से कम प्रतिबंधात्मक साधनों से परीक्षण संतुष्ट नहीं होता है। उस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड के अलावा दूसरे साधन भी हैं। इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण और चुनावी ट्रस्ट के दूसरे माध्यमों से योगदान किया जा सकता है। इस प्रकार काले धन पर अंकुश लगाना इलेक्टोरल बॉन्ड का आधार नहीं है।