वर्ष 2014 के बाद मानवाधिकार पर लगातार हमले हो रहे हैं। आरएसएस लगातार हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की कवायद में मुस्लिमों पर खुले आम हमला कर रहा है। बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने के बाद संघ ने अन्य मस्जिदों का सर्वे कर मंदिर होने का दावा कर रही है। मुद्दों पर विचार न कर धार्मिक हमलों में मुस्लिमों को आरोपी बनाकर जेल में डाला जा रहा है। ऐसी घटनाएं एक या दो नहीं बल्कि अनेक हैं। मानवाधिकार दिवस पर संघ की कारास्तानी की पोल खोलता डॉ सुरेश खैरनार का यह लेख
बिहार की रैली में जिस बड़े पैमाने पर समाजवादी और साम्यवादी संगठनों के लोग मौजूद थे और गांधी मैदान में कहीं हरे झंडे तो कहीं लाल झंडे एक दूसरे से होड़ कर रहे थे, उससे यह भी लगता है कि देश का पूर्वी हिस्सा भारत के पश्चिमी तट पर केंद्रित कॉर्पोरेट और हिंदुत्व की सत्ता के आगे समर्पण के लिए तैयार नहीं है।