Saturday, July 27, 2024
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बजट 2024 : बेरोजगारी और लघु उद्योगों की बरबादी के साये में चल रही मोदी की तीसरी सरकार के बजट में मेहनतकशों के हिस्से...

वर्ष 2024 का आम बजट पेश हो गया है। इस बजट में सरकार ने 11.11 लाख पूंजी निवेश का प्रावधान रखा है लेकिन इस निवेश से कितने रोजगार पैदा होंगे देखने वाली बात होगी क्योंकि कोरोना में हुए लॉकडाउन के बाद लगभग सभी उद्यमों पर बहुत खराब प्रभाव पड़ा था और बड़े पैमाने पर बेरोजगारी पैदा हुई थी। उसके बाद बेरोजगारी की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ बल्कि दिनों-दिन खराब ही होता रहा। कल पेश हुए बजट में इसका असर साफ दिखाई दिया।

अपनी इच्छा से नहीं करते हैं बालश्रम

यदि बालश्रम को जड़ से खत्म करना है तो इसके लिए कई स्तरों पर काम करने की ज़रूरत है। एक ओर जहां ग्रामीण इलाकों में बालश्रम के नुकासन को लेकर जागरूकता फैलाने और आर्थिक सहायता प्रदान कर गरीबी उन्मूलन की दिशा में काम करने की ज़रूरत है, वहीं दूसरी ओर कंपनियों व उद्योगों की जिम्मेदारियां भी तय करने की आवश्यकता है।

हरियाणा : गुरुग्राम में निर्माण स्थल पर महिला मजदूर की मौत, तीन घायल

गुरुग्राम में काम करते हुए एक मजदूर की हादसे में मौत हो गई। जिसमें मोनिका की मौत हो गई और लाला राम उर्फ लालू, उसकी पत्नी निर्मला उर्फ लाली और परिवार के दो सदस्य घायल हो गए। निर्माण स्थल पर खुदाई के काम में लगे हुए थे, तभी दोपहर करीब तीन बजे मिट्टी का टीला उन पर ढह गया।

आकस्मिक श्रमिकों के हित और हक के खिलाफ चोर दरवाजा तलाशती सरकार

आकस्मिक श्रम, अनियमित रोज़गार या अंशकालिक श्रम, जिसमें उन श्रमिकों का श्रम शामिल है जिनके सामान्य रोज़गार में अल्पकालिक नौकरियों की एक श्रृंखला शामिल होती है। कैज़ुअल लेबर को आम तौर पर घंटे या दिन के हिसाब से या विशिष्ट कार्यों के प्रदर्शन के लिए काम पर रखा जाता है, जबकि अंशकालिक लेबर को आम तौर पर प्रति सप्ताह न्यूनतम घंटों के लिए निर्धारित किया जाता है। 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत का एक सामान्य आकस्मिक मजदूर गोदी कर्मचारी था।

सीवर की लिंटर गिरने से दो मजदूरों की मौत

जहाँ पूरे देश में प्रधानमंत्री ने स्वच्छता अभियान जोर-शोर से चलाया  वहीँ वास्तिवक सीवर मजदूरों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा...

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