यह कहानी लेखक अतुल यादव के गांव पांडेयपुर की है, जो 30 वर्षों बाद अपने गांव वापस लौटे हैं, अपने गांव लौटने का जिक्र उन्होंने अपने कई शुभचिंतकों, दोस्तों और गुरुजनों से किया, लेकिन किसी ने इस बारे में सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी , सभी ने कहा कि तुम्हें और आगे बढ़ना चाहिए गांव में क्या रखा है? आगे की कहानी अतुल की जुबानी...
फिलहाल आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन बढ़ोत्तरी को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार केजीएमयू प्रशासन और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के बीच वार्ता के बाद यह तय हुआ है कि आनलाइन बायोमैट्रिक की वजह से कटे हुये मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा।