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Mandal Commission
मंडल कमीशन और जाति जनगणना : शाहूजी महाराज ने सबसे पहले वंचितों को आरक्षण दिया
मंडल आयोग ने पूरी योजना लागू करने के बीस साल बाद इसकी समीक्षा करने की भी सिफारिश की थी। आरक्षण की समीक्षा की बात होती है पर मंडल आयोग की नहीं। सामाजिक-शैक्षणिक पिछड़ापन, गरीबी का मुख्य कारण जाति के कारण उत्पन्न बाधाएं हैं तो ऐसे में मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू कर सामाजिक न्याय कायम किया जाए. वर्ण-जाति श्रेणी क्रम आधारित असमानता तोड़ने या कम करने का अभी तक केवल आरक्षण ही कारगर उपाय साबित हुआ है।
सरकारी नौकरियों में आरक्षण के बावजूद क्यों पूरी नहीं हो पा रही है पिछड़ों, दलितों एवं आदिवासियों की भागीदारी?
भारत में आरक्षण, समाज के सबसे पिछड़े और वंचित समुदाय को मुख्य धारा में शामिल करने की जाति आधारित सकारात्मक कार्रवाई है। भारतीय संविधान के अनुसार केंद्र और राज्य सरकार में सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए शिक्षा, रोजगार और राजनैतिक निकायों में सीटों का प्रतिशत निर्धारित किया गया है। लेकिन मनुवादी व्यवस्था ने वर्ष 2019 में अपने लिए 10 प्रतिशत सुदामा कोटा हासिल कर लिया, जो उनकी आबादी के हिसाब से है लेकिन पिछड़ों को उनकी आबादी के हिसाब से आधा भी नहीं मिला। इसलिए यह मांग की जाती रही है ‘जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी।'
बिहार में भाजपा का दावा कि वे मंडल और कमंडल दोनों के साथ, कितना मिलेगा सियासी फ़ायदा?
सर्वज्ञात है कि भाजपा ने मंडल के खिलाफ कैसे एक षड्यंत्र कारी अभियान शुरू किया और अपनी ताकत को पूरी तरह कमंडल की राजनीति में क्यों झोंक दिया? क्या भाजपा ने केंद्र या प्रदेश स्तर पर कभी मंडल आयोग की सिफारिशों के प्रति अपनी सदिच्छा ज़ाहिर की।
लाभार्थी समुदाय के बरक्स किसान-मजदूर मोर्चा मजबूत ताकत बन सकता है
हिन्दी भाषी प्रदेशों के हाल में संपन्न हुए चुनावों के नतीजों में मंडल पर कमंडल की राजनीति भारी सिद्ध हुई है। भारतीय जनता पार्टी...
बसपा प्रमुख मायावती ने मंडल आयोग रिपोर्ट स्थगित रखने के लिए कांग्रेस की आलोचना की
हैदराबाद (भाषा)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता अब जाति...
कमजोर तबकों के लिए परीक्षा की घड़ी बनेगा आगामी लोकसभा चुनाव
समाज के दलित / दमित / ओबीसी / अल्पसंख्यकों को यह समझने की जरूरत है कि कांशीराम जी क्यों कहते थे कि भारत को...
क्या भूमिहीन जातियों के लिए जमीन का बंदोबस्त कर पायेगी जाति जनगणना
उत्तर भारत की राजनीति में जाति जनगणना की बात लंबे समय से चल रही थी। कभी लालू प्रसाद यादव, शरद यादव, गोपीनाथ मुंडे और...
सामाजिक न्याय के मसीहा वीपी सिंह को मिलना चाहिए भारत रत्न
लखनऊ। राजा विश्वनाथ प्रताप सिंह ने 7 अगस्त, 1990 को मंडल कमीशन लागू करने की घोषणा कर क्षत्रिय वर्ग के न्यायिक चरित्र का उत्कृष्ट...
जो मण्डल कमीशन का विरोधी वही बन रहा हितैषी
सरकार द्वारा लैट्रल इंट्री पर संयुक्त सचिव स्तर पर आईएएस में सीधी साक्षात्कार करके की जाने वाली भर्ती के विज्ञापन में एससी, एसटी, ओबीसी आवेदन के पात्र नहीं लिखा गया है। ऐसा करके हमें संविधान में दिया गया अवसर की समानता के अधिकार से वंचित किया गया है। जो हमारे मूल अधिकारों का हनन है और हम मोदी के गुणगान कर रहे हैं।
जिन्होंने पिछड़ों के लिए कुर्सी गँवाई पिछड़े ही उन्हें कभी याद नहीं करते!
व्यक्तिगत तौर पर विश्वनाथ प्रताप सिंह बेहद निर्मल स्वभाव के थे और प्रधानमंत्री के रूप में उनकी छवि एक मजबूत और सामाजिक, राजनैतिक दूरदर्शी...

