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Savitri bai fule

भारत की राष्ट्रमाता की भूमिका निभाई थी सावित्रीबाई फुले ने

एक सावित्री पुराणों में हैं, जहां उनके द्वारा अपने पति के प्राण तक वापस लाने की कहानी बचपन से ही सुनते आ रहे हैं। यह आधुनिक युग की सावित्री, जिसने स्त्री-शूद्र तथा पददलित लोगों के लिए शिक्षा की शुरुआत की, जिसने निष्ठा के साथ जो काम किया। इन्हीं सावित्री बाई फुले की आज 139वीं पुण्य तिथि है।

मेरे गाँव ने वतनदारी प्रथा को कब्र में गाड़कर बराबरी का जीवन अपनाया

आशालता कांबले सुप्रसिद्ध मराठी लेखिका, कवियत्री, कहानीकार और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। महात्मा फुले और अंबेडकरवादी साहित्य सृजन में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। वह एक कुशल वक्ता हैं जिन्होंने मराठी सामाजिक, सांस्कृतिक आंदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। आशालता की अनेक पुस्तकें छप चुकी हैं। बहिनाबाई चौधरी, सावित्रीबाई फुले, रमाबाई, अहिल्याबाई होल्कर और कवि कुसुमाग्रज पर उनकी उल्लेखनीय किताबें हैं। अपनी माँ के जीवन पर उनकी एक किताब ‘आमची आई’ बहुत प्रसिद्ध हुई थी। इनके अलावा जनजागृति के लिए आशालता जी ने एक दर्जन से अधिक पुस्तिकाएँ लिखी हैं। पेशे से वह अध्यापिका रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शुरू किए जा रहे कॉलम ‘मेरा गाँव’ में उन्होंने अपने गाँव कांदलगाँव के अनुभवों को प्रस्तुत किया है। इस आलेख में कोंकण इलाके में दलितों के जीवन और उस पर डॉ अंबेडकर के प्रभावों का बहुत सघन परिचय मिलता है।

सावित्री बाई फुले पहली महिला शिक्षिका ही नहीं, क्रांतिकारी सामाजिक बदलाव की मिसाल थीं

आज से 193  वर्ष पहले भारत जैसे रूढ़िवादी, अंधविश्वास और पारंपरिक देश में सावित्री बाई फुले ने सामाजिक बदलाव की शुरुआत की। जब देश...

स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए महिलाओं का बाहर आना जरूरी

10 अक्टूबर को ग्वालियर के बहोड़ापुर के शील नगर अंबेडकर पार्क में सामाजिक क्षेत्रों में अपना योगदान दे रही बहुजन मूलनिवासी महिलाओं को सामाजिक...

स्त्री सशक्तीकरण और जागरुकता के लिए स्त्री विमर्श एक कारगर औजार है

बातचीत का दूसरा हिस्सा • अपनी कहानियों या किताबों में से आप किसे अधिक सफल मानती हैं और क्यों? एक किताब आयी है–आम औरत: ज़िदा सवाल।...

योजनाओं और सपनों से भरा एक कवि जिसे अपने जैसे लोग कम मिले

युवा कवि और दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत सत्यवती कॉलेज में असोशिएट प्रोफेसर डॉ मुकेश मानस का निधन हो गया है। वे पिछले काफी दिनों...

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