Sunday, April 27, 2025
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गाजीपुर : आज़ादी का अमृत महोत्सव देखते रहे लेकिन गाँव को पुल भी नसीब न हुआ, अंततः खुद बनाने लगे ग्रामवासी

गाजीपुर जिले के कासिमबाद-नोनहरा इलाके में स्थित एक गाँव क़यामपुर छावनी के लोगों ने अपने गाँव से गुजरनेवाली मंगई नदी पर पुल का निर्माण शुरू कर दिया है। इसमें खास बात यह है कि लोगों ने जनसहयोग से इतना बड़ा कम शुरू किया है और काफी हद तक काम पूरा कर दिया है। आसपास के गांवों के लोगों के अलावा जिले के अन्य इलाकों से भी उन्हें सहयोग मिल रहा है। हालांकि वे लंबे समय तक पुल की मांग करते रहे लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात रहे। जनप्रतिनिधियों ने दशकों तक उन्हें गच्चा दिया। अंततः लोगों ने स्वयं ही यह बीड़ा उठाया। पिछले साल फरवरी में शुरू हुआ काम आधे से अधिक पूरा हो चला है। यह लोगों के सहयोग, समर्पण और सामाजिक नवाचार की एक अनूठी मिसाल बन गया गया है। अपर्णा की रिपोर्ट।

बलिया : 27 साल पहले बनी सड़क झाड़ियों में हुई गुम ग्रामीण ढूंढ रहे हैं रास्ता

सरकार नहरों के जीर्णोद्धार, मरम्मत के साथ-साथ नहरों के दोनों पटरियों पर सुगम आवागमन व्यवस्था की खातिर सड़क बनाने पर जोर दे रही है। दूसरी ओर बलिया जिले के बांसडीह तहसील क्षेत्र के सुखपुरा से सावन सिकड़िया, अपायल गांव तक जाने वाली महज पांच किलोमीटर दूरी की नहर की पटरी उपेक्षा का दंश झेलते हुए वीरान बनी हुई है। मानो वह इलाके के मानचित्र से बाहर हो चली है। जबकि इस नहर की पटरी वाली सड़क से कई गांवों के लोगों का आवागमन होता रहा है। यूं कहें कि यह लोगों की जीवन रेखा रही है। दिन हो या रात, पैदल सहित वाहनों का भी आवागमन होता रहा है, लेकिन ईट का खड़ंजा जो तकरीबन तीन दशक पहले बिछाया गया था (जिसके अंश कहीं कहीं दिखाई दे जाते हैं) उखड़ने के साथ ही अपना वजूद खो चुका है। सड़क का वजूद गुम हुआ तो उसका स्थान धीरे-धीरे जंगली झाड़ियों ने ले लिया। झाड़ियों के आगोश में  नहर की पटरी ही गुम हो गई।

वाराणसी में नट समुदाय : अभी भी दूर है साफ पानी का सपना

सरकार योजनाएँ लाती है और इसके लिए करोड़ों रुपए का बजट पास करती है। योजना की घोषणा के बाद लगता है कि अब सारी दिक्कतें दूर हो जाएंगी लेकिन तंत्र में बैठे लोग योजनाओं से ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने की जुगत लगाते हैं। ऊपर तो भ्रष्टाचार है ही नीचे वाले जो सीधे जनता से जुड़े होते हैं, वे भी गरीब मजदूर जनता को साफ-साफ ठगने का काम करते हैं। योगी सरकार का दावा है कि हर रोज 40 हजार नए नल में पानी की आपूर्ति हो रही है, गाँव में नल तो लगे हुए हैं लेकिन अधिकाशत: नलों में पानी की जगह हवा निकल रही और जो दावे की पोल खोल रही है। वाराणसी के नहवानीपुर नट बस्ती से अपर्णा की ग्राउंड रिपोर्ट

निज़ामाबाद के काले मृदभांड : कठिन परिश्रम और सूझबूझ से चमकदार बनते हैं ये बर्तन -2

इतने खूबसूरत बर्तन बनाने में मिट्टी तैयार करने से लेकर उसकी सजावट करने के बाद बाजार तक लाने में बेहिसाब मेहनत लगती है, आज की पूंजीवादी व्यवस्था में यह काम आसान नहीं है लेकिन निज़ामाबाद में यहाँ का कुम्हार समुदाय पूरे परिवार के साथ इस काम में लगा हुआ है। इसके बावजूद इन्हें इसकी उचित कीमत नहीं मिल पाती। इन शिल्पकारों की चिंता इसे कला को बचाने की है। पढ़िए अंजनी कुमार की ग्राउन्ड रिपोर्ट का दूसरा और अंतिम भाग।

बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापकों की ऑनलाइन उपस्थिति क्यों अव्यावहारिक है?

विद्यालय का नया सत्र खुलते ही शासन ने बेसिक शिक्षा परिषद के अध्यापकों के लिए कुछ ऐसे नियम लागू कर दिये हैं, जिसके चलते उन्हें व्यावहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यदि शासन किसी नियम की नकल करती है तो उसे वहाँ की स्थिति से परिचित होना चाहिए ताकि समस्याओं से भी परिचित हो सके।

हाईकोर्ट ने मदरसा अधिनियम को बताया असंवैधानिक, मान्यता का इंतजार करते रह गए मदरसा संचालक

यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा, ‘कोर्ट के फैसले से आश्चर्य हुआ है। बड़ा फैसला है, इसकी समीक्षा की जाएगी। 2004 में सरकार ने एक्ट बनाया था। आज 20 साल बाद एक्ट को असंवैधानिक बताया गया है।’

यूपी में किसान बेहाल, सरकार की नज़र में सब हैं खुशहाल

वाराणसी। 'पहले किसान कर्ज में डूबा था आज खुशहाल है', यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक बयान  में कही। यह भी कहा...

उप्र के गांव से अगवा की गई 13 वर्षीय किशोरी, हैदराबाद ले जाकर हफ्ते भर किया बलात्कार

बलिया(भाषा)।  उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक गांव से कथित रूप से अगवा कर हैदराबाद ले जाई गई 13 वर्षीय किशोरी से आरोपी...

पूर्व सांसद आजम खान ने खुद के एनकाउंटर का खतरा बताया

यूपी में हालत कितने भयावह हैं। हिरासत के दौरान एनकाउंटर के खतरे की आशंका मानवाधिकार का गंभीर मसला है। एक नेता की सिर्फ बयानबाजी में इसे न देखा जाए। पिछले दिनों जिस तरह से पूर्व सांसद अतीक अहमद और पूर्व विधायक अशरफ जिन्होंने हत्या की आशंका जाहिर की थी और सरेआम पुलिस की भारी मौजूदगी में मीडिया कैमरों के सामने उनकी हत्या हुई उससे यह सवाल गंभीर हो जाता है।

‘गड्ढामुक्त’ का सरकारी दावा असलियत में बदहाल सड़कों पर चलना हुआ मुश्किल

लंका से रवीन्द्रपुरी कॉलोनी में थोड़ी ही दूर चलने के बाद आँखों में जलन होने लगती है। मैं गाड़ी रोककर आँख साफ कर ही...

मई से अबतक 25 वर्दीधारियों पर कार्यवाही यानी कमिश्नरेट बनने के बाद भी नहीं सुधरी पुलिस

वाराणसी में आए दिन कोई कोई-न कोई पुलिसकर्मी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जा रहा है। बीते शनिवार को ही एंटी करप्शन की टीम ने मड़ौली चौकी इंचार्ज अजय यादव को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया। टीम ने दरोगा के खिलाफ कैंट थाने में केस दर्ज किया। आरोपी का हवालात में दाखिल किया गया, आज उसे एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया जाएगा।

सरकारी रेट पर धान की खरीद सुनिश्चित करे सरकार- आईपीएफ

आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट मांग करता है कि धान/गेहूं की खरीद में हो रहे भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच कराई जाए। वर्तमान में धान खरीददारी में हो रहे भ्रष्टाचार को रोका जाए और सरकार किसानों से सरकारी रेट पर खरीदारी सुनिश्चित करे। साथ ही आईपीएफ सभी किसान संगठनों से भी अपील कर है कि वे धान की सरकारी खरीद में चल रहे भ्रष्टाचार का विरोध करें, ताकि किसानों को उनकी फसलों का एमएसपी मूल्य मिल सके।

आपका रंग क्या है मिस्टर प्राइम मिनिस्टर? (डायरी, 8 दिसंबर, 2021) 

जीवन में रंगों का बड़ा महत्व है। लेकिन रंगों का उपयोग भी अलग-अलग अर्थों में किया जाता है। मतलब यह कि रंगों का उपयोग...

दूर-दूर से लाई गई किराये की भीड़ और बनारस के लोग नज़रबंद किये गए

चुनाव का प्रचार एवं रैली कितनी आवश्यक है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली के...

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