मड़ौली चौकी इंचार्ज को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ किया गिरफ्तार
वाराणसी। भ्रष्टाचार को लेकर यूपी सरकार कितना भी जीरो टॉलरेंस की बात कर ले, लेकिन ज़मीनी हक़ीकत उसके ठीक उलट है। महानगर यानी कमिश्नरेट बनने के बाद भी वाराणसी में आए दिन कोई कोई-न कोई पुलिसकर्मी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जा रहा है। बीते शनिवार को ही एंटी करप्शन की टीम ने मड़ौली चौकी इंचार्ज अजय यादव को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया। टीम ने दरोगा के खिलाफ कैंट थाने में केस दर्ज किया। आरोपी का हवालात में दाखिल किया गया, आज उसे एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, भेलूपुर थाना क्षेत्र के ककरमत्ता गोपालनगर निवासी किशनदास खन्ना ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी का केस मंडुआडीह थाने में दर्ज कराया था। प्रारंभिक तौर पर पुलिस ने आईपीसी धारा 419, 420 में केस दर्ज कर लिया। मामला मड़ौली चौकी क्षेत्र का होने के कारण चौकी इंचार्ज अजय यादव को केस की विवेचना दी गई। विवेचना के दौरान अजय यादव ने वादी का बयान दर्ज किया और आरोपी का बयान भी दर्ज किया। इसके बाद उन्होंने किशनदास खन्ना से मामले में 467, 468,471 समेत अन्य धाराएं बढाने की बात कही, वादी की सहमति के बाद 25 हजार रुपये की मांग की। किशनदास ने मना किया तो केस में एफआर लगाने की धमकी भी दी।
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प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में यह नया मामला नहीं है कि जब किसी पुलिसकर्मी ने भ्रष्टाचार न किया हो। सिर्फ इसी वर्ष यानी 2023 का रिकॉर्ड निकाला जाए तो मई से लेकर अब तक 25 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। इनमें से 12 पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त किया गया है। 14 पुलिसकर्मियों को निलम्बित और लाइन हाजिर किया गया। वहीं, पांच पुलिसकर्मी अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार करके जेल भेजे जा चुके हैं। कोई डकैती तो कोई पशु तस्करी के आरोप में नप भी चुका है।
यह हैं आकड़े
- 27 अगस्त को शिवपुर थाने में तैनात सिपाही दीपक कुमार और सत्येंद्र गौड़ को निलंबित। थानाध्यक्ष का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर फ्रीज बैंक अकाउंट शुरू कराने के प्रयास किया।
- 24 अगस्त को चोलापुर थाने के दरोगा हरि किशन यादव निलंबित। बरथौली के ग्राम प्रधान पति मंगरू राजभर की गैर इरादतन हत्या के मुकदमे की विवेचना में लापरवाही हुई।
- गो तस्करों की पैरवी करने के आरोप में 19 अगस्त को कैंट थाने के सिपाही मनोज सरोज और अनिल कुमार को प्रशासनिक आधार पर लाइन हाजिर किया गया।
- पांच अगस्त को सिपाही अमित कुमार, मनोज कुमार तिवारी, संजय कुमार शुक्ला, हरिबंश भारती और अर्दली प्यून अमृतलाल को बर्खास्त किया गया था।
- 11 जुलाई को सफाई कर्मी की निर्ममता से पिटाई करने के आरोप में कोतवाली थाने के दरोगा दिलेश कुमार को निलंबित किया गया।
- पांच जुलाई को चौकाघाट चौकी प्रभारी सूफियान खान से अभद्रता के आरोप में जैतपुरा थाने के हेड कांस्टेबल अनिल कुमार को निलंबित किया गया।
- 17 जून को युवक की पिटाई के आरोप में सिंधौरा थाने के दरोगा अरविंद यादव को निलंबित किया गया।
- 15 जून को सारनाथ थाने के सिपाही त्रिलोकी भारद्वाज की देह व्यापार में संलिप्तता उजागर होने पर उसे निलंबित किया गया था।
- 10 जून को डकैती के आरोपियों से मिलीभगत के आरोप में भेलूपुर थाने के पूर्व थानाध्यक्ष रमाकांत दूबे, दरोगा सुशील कुमार, महेश कुमार व उत्कर्ष चतुर्वेदी, सिपाही महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय व शिवचंद को बर्खास्त किया गया।
- 25 मई को सारनाथ व कैंट थाने के हेड कांस्टेबल विनय कुमार, दीपक सिंह और प्रशांत सिंह को रंगदारी मांगने सहित अन्य आरोपों में गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था।
- 11 मई को जंसा के क़स्बा चौकी प्रभारी अभिषेक वर्मा ने केस से नाम हटाने के एवज में एक लाख रुपये की मांग की, जिसे जेल भेज दिया गया।