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संघ विध्वंस विचारधारा को आगे बढ़ाती है – प्रहलाद नेमाड़े

गांधी विरासत को बचाने के लिए प्रशासनिक दबाव के चलते सर्व सेवा संघ परिसर के सामने से स्थानांतरित होकर  शास्त्री घाट में चल रहे सत्याग्रह  का आज 94 वां दिन है।

न्याय के दीप जलेंगे 100 दिनी सत्याग्रह का 94वां दिन 

आज सत्याग्रह के 94 वें दिन उपवास पर महाराष्ट्र के अकोला जिले से  प्रहलाद नेमाड़े बैठे हैं। साथ में अकोला जिले के वरिष्ठ सर्वोदयी कार्यकर्ता डॉ शिवचरण सिंह ठाकुर भी उपवास पर हैं। जोखन सिंह यादव और शिवचरण ठाकुर अक्सर उपवास पर बैठते हैं।

प्रहलाद नथूजी नेमाड़े महाराष्ट्र के जिला अकोला के किसान परिवार से आते हैं। इनके पिताजी स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्होंने दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी दत्तात्रेय कुलकर्णी गुरुजी एवं पंधे गुरुजी से गांधी,विनोबा विचार ग्रहण किया।

 ये दो बार अकोला जिला सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रह चुके हैं। 1971 से कपास से लेकर कपड़ा कार्ययोजना तैयार करने में लग गए और इसका यंत्र विकसित किया। प्रहलाद नेमाड़े गांव में रह कर प्राकृतिक खेती करते हैं। इसकी प्रेरणा घर में ही माता जी द्वारा प्राप्त किया। माता जी ने उपदेश दिया कि गुलामगिरी कभी मत करना। इसके बाद इन्होंने जीवन भर नौकरी नहीं की। इन्होंने जीवन भर किसानों के लिए काम किया। आज के हिसाब से किसान को जीवन भर संघर्ष करना होता है।

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विध्वंस एक विचारधारा है नेमाड़े कहते हैं कि यह बात हमें समझ लेना चाहिए कि राजघाट परिसर को बुलडोजर से गिराने वालों की विचारधारा विध्वंस की विचारधारा है जबकि गांधी और गांधी संस्थान रचनात्मक और निर्माण की विचारधारा से संचालित होते है। इसलिए यह सत्याग्रह किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है बल्कि विध्वंस के खिलाफ है, निर्माण के पक्ष में है। और सिर्फ भवनों के निर्माण तक तक हम नहीं सोचते। गांधी तो खुद झोपड़ी में रहते थे। झोपड़ी में रहना एक मैसेज है। सादगी का, संसाधनों के कम से कम उपयोग का, प्रकृति के साथ  सामंजस्य का। लेकिन गांधी की झोपड़ी को साबरमती में महलों से घेरेबंदी की जा रही है। जब तक एक भी व्यक्ति सच बोलता रहेगा, झूठ की पहचान होती रहेगी। यही सच्चाई की,यही अहिंसा की,यही ईमानदारी की, यही निष्ठा की, यही इंसानियत की ताकत है। इसे कोई भी मगरूर जुल्मी मिटा नहीं सकता।

sarv seva sangh

गांधी विरासत को बचाने के लिए प्रशासनिक दबाव के चलते सर्व सेवा संघ परिसर के सामने से स्थानांतरित होकर  शास्त्री घाट में चल रहे सत्याग्रह  का आज 94 वां दिन है।  स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए लोकतांत्रिक भारत की विरासत और शासन की मार्गदर्शिका- संविधान को  बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर ‘न्याय के दीप  जलाएं -100 दिनी सत्याग्रह’ जारी है जो 19 दिसंबर 2024 को संपन्न होगा। सत्याग्रह आज सर्व धर्म प्रार्थना एवं गीता पाठ के साथ अपने 94 वें पायदान पर पहुंच गया है।

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आज सत्याग्रह में उपवासकर्ता  प्रहलाद नेमाड़े एवं डॉ शिवचरण सिंह ठाकुर के अलावा उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज, वरिष्ठ गांधीवादी विद्याधर, लोक समिति के प्रमुख नंदलाल मास्टर,लोक समिति की शिवानीदेवी,प्रिया कनौजिया, पायल पटेल, प्रीति पटेल, संजना मौर्य, नेहा मौर्य, सीमा प्रजापति, निशा पटेल, रुचि प्रजापति, चेखुर प्रसाद प्रजापति, निहाल गांधी, हेलेना लेप्चा विलास वानखेडे, शारदा पाटिल, ऋतुजा निमाड़े, शारदा संतोष, तारकेश्वर सिंह, एस  श्रीनिवासन, खुशी मौर्य, रवि राजभररोशनी यादव, वल्लभाचार्य पांडे आदि शामिल थे। (प्रेस विज्ञप्ति)

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