Thursday, November 21, 2024
Thursday, November 21, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमपूर्वांचलसोनभद्र : सिंचाई परियोजना के लिए गांव छोड़ देनेवालों के लिए पीने...

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

सोनभद्र : सिंचाई परियोजना के लिए गांव छोड़ देनेवालों के लिए पीने का पानी हुआ मुहाल

कनहर सिचाई परियोजना के विस्थापितों को आज पीने का पानी भी ठीक से मयस्सर नहीं है। विद्यालय परिसर में खराब हैंडपंप को बनवाने में विभाग कर रहा आनाकानी।

सोनभद्र की दुद्धी तहसील के अमवार इलाके में बनाई गई कनहर सिंचाई परियोजना की पुनर्वास कॉलोनी में लगे हैंडपंप गर्मी शुरू होने के पहले ही पानी छोड़ रहे हैं। इसके कारण कॉलोनीवासियों में पानी के लिए हाहाकार मच गया है। यहाँ के निवासियों का कहना है कि कुछेक को छोड़कर बाकी हैंडपंप लगातार पानी छोड़ते जा रहे हैं जिसके कारण सबसे बड़ा संकट पीने के पानी पर आ गया है। गर्मी बढ़ने लगी है और इस हिसाब से लोगों को पानी की अधिक जरूरत पड़ेगी लेकिन यहाँ पानी का विकल्प सिमटता जा रहा है।

पुनर्वास कॉलोनी में एक प्राइमरी स्कूल है जहां दो हैंडपंप लगे हैं लेकिन दो के दोनों फिलहाल सूखे पड़े हैं जिसके कारण बच्चे पानी के लिए बिलबिला रहे हैं। कनहर आंदोलन से जुड़े चर्चित नेता गंभीरा प्रसाद ने बताया कि जो लोग इलाके की सिंचाई परियोजना के लिए अपने गाँव छोड़ने पर मजबूर हुये आज वे ही पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। सबसे ज्यादा चिंता की बात बच्चों को लेकर है। बिना पानी के वे बिलबिला रहे हैं। बढ़ती हुई गर्मी में पानी की समस्या कितनी भयानक होगी इसकी सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है।

पुनर्वास कॉलोनी में ख़राब हैंडपंप

गंभीरा प्रसाद कहते हैं कि इस संबंध में जब सहायक अभियंता आशुतोष मिश्रा से हैंडपंपों की मरम्मत के लिए मिले तब उन्होंने कहा कि इसके लिए हमारे पास कोई बजट नहीं है इसलिए हम मरम्मत नहीं करवा सकते।

खबर है कि पूरी पुनर्वास कॉलोनी में हैंडपंप खराब चल रहे हैं लेकिन कोई भी अधिकारी इस पर कुछ सुनने को तैयार नहीं है। गंभीरा प्रसाद का कहना है कि पानी उपलब्ध करने का जिम्मा ग्रामसभा के पास होता तो इस तरह के संकट का सामना नहीं करना पड़ता। लेकिन आज अधिकारियों के टाल-मटोल से यह समझ में नहीं आ रहा है कि हम लोग अपनी समस्या किसके सामने रखें।

सनद रहे कि कनहर सिचाई परियोजना के दौरान कुल 4,143 लोग विस्तापित हुए थे। विस्थापितों में बड़ी संख्या में लोग अपने रिश्तेदारों के यहां रहने लगे, जबकि हजारों की संख्या में लोग दुद्धी के अमवार में झुग्गी झोपड़ी बनाकर रहने लगे। 8-9 महीने पहले के विस्थापितों को आज सरकार पीने का पानी मुहैया नहीं करा पा रही है।

विस्थापन का दंश झेल रहे मकसूद कहते हैं ‘अपने घर से 6 सौ फीट की पाइप लगाता हूं तब जाकर पीने वाला पानी पाता हूं। विद्यालय परिसर में दो हैंडपंप लगे हैं। उनमें से एक तो पूरी तरह से खराब है और दूसरे से भी ठीक से पानी नहीं आता है। किसी तरह आधा घंटा चलाने पर उससे पानी आता है तो वह भी गंदा। दूर से जो पानी लाते हैं वह भी मटमैला आता है । बगैर उबाले हम उस पानी को नहीं पीते। हम लोग अधिकारियों के समक्ष पानी की समस्या को लेकर कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन हमारी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है।

इस बारे में सहायक अभियंता आशुतोष मिश्रा का कहना है ‘विद्यालय परिसर में खराब हैंडपंप को ठीक कराना शिक्षा विभाग का काम है हमारे विभाग का नहीं। इसलिए हम कुछ नहीं कर सकते। हमारा एक अधिकार क्षेत्र है, जिससे बाहर जाकर हम काम नहीं कर सकते।’

कहाँ है प्रधानमंत्री की हर घर नल-जल योजना

कनहर सिंचाई परियोजना पुनर्वास कॉलोनी का बड़ा हिस्सा अभी बस नहीं पाया है। लोगों को विस्थापन पैकेज के साथ प्लॉट आबंटित किए गए हैं। जिन लोगों के घर बन चुके हैं वे पानी के लिए सार्वजनिक हैंडपंपों पर निर्भर हैं।

चार साल पहले यह खबर छपी कि केंद्र सरकार की हर घर नल योजना के तहत योगी सरकार विंध्याचल मण्डल के मिर्जापुर के 1606 गांवों तथा सोनभद्र के 1389 गांवों में पाइप के जरिये पेय जल सप्लाई शुरू करेगी। इस योजना से मिर्जापुर के 2187980 ग्रामीणों को सीधा फायदा होगा। सोनभद्र के 1389 गांवों को भी योजना से जोड़ने की शुरुआत होगी। इन गांवों के 1953458 परिवार पेय जल सप्लाई योजना से जुड़ेंगे।

21 नवंबर 2020 के अपने ट्वीट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा था कि ‘आदरणीय PM   @narendramodi जी कल ‘जल जीवन मिशन, उत्तर प्रदेश’ के अंतर्गत विंध्य क्षेत्र के जनपद मिर्जापुर एवं सोनभद्र की 23 ग्रामीण पाइप पेयजल योजनाओं का शिलान्यास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करेंगे। इन योजनाओं की कुल लागत 5555.38 करोड़ है।

लेकिन किसी योजना का प्रचार कर देना और योजना का जमीन पर लागू होना दो बातें हैं। यही सोनभद्र में हर घर नल जल योजना के मामले भी हुआ है। फिलहाल कनहर सिंचाई परियोजना पुनर्वास कॉलोनी में इस योजना का अता-पता नहीं है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here