दिल्ली। देश में राम मंदिर को लेकर एक बार फिर सियासी गलियारा गर्म हो गया है। विपक्षी पार्टी के कई नेताओं ने अयोध्या में राममंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम को भाजपा का निजी कार्यक्रम बताया है। कहा है कि एक बार फिर भाजपा का मुद्दा राममंदिर ही रहेगा।
राममंदिर उद्घाटन को लेकर सीपीआई (एम) के नेता ममता बनर्जी ने कहा कि यहाँ शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं है। इससे पहले पार्टी चीफ सीताराम येचुरी ने कहा था कि धर्म एक व्यक्तिगत पसंद है, जिसे राजनीतिक लाभ के साधन में नहीं बदला जाना चाहिए।
अब शिवसेना नेता संजय राउत ने भी मंदिर उद्घाटन को राष्ट्रीय कार्यक्रम नहीं, बल्कि इसे ‘भाजपा का निजी कार्यक्रम’ बताया है। क्या शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे उस दिन होने वाले मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लेंगे?
इस सवाल पर राउत मीडिया से कहा कि ठाकरे जरूर जाएँगे, लेकिन भाजपा का कार्यक्रम खत्म हो जाने के बाद। कहा कि कोई भाजपा के कार्यक्रम में क्यों जाए? यह कोई राष्ट्रीय कार्यक्रम नहीं है। भाजपा इस कार्यक्रम के लिए रैलियाँ निकाल रही है और अभियान चला रही है, लेकिन उसमें शुद्धता कहाँ है।
उन्होंने दावा किया कि जब भाजपा कोई अभियान चलाने का फैसला करती है तो वह अपनी पूरी ताकत और पार्टी कार्यकर्ताओं को लगा देती है। पार्टी गलती की कोई गुजाइंश नहीं छोड़ती है। उन्होंने कहा कि भाजपा पूरे देश में इसी तरीके का पालन करती है। राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि भाजपा चाहती है कि देश बेरोजगारी, महंगाई और मणिपुर से जुड़े मुद्दों को भूल जाए।
राजनीति को धर्म के साथ नहीं जोड़ना चाहिए : टीएमसी
टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने ममता बनर्जी या पार्टी के किसी अन्य प्रतिनिधि के अगले महीने अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन में शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं है। हम राजनीति को धर्म के साथ मिलाने में विश्वास नहीं करते हैं। टीएमसी नेता का यह बयान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राममंदिर के निमंत्रण को अस्वीकार करने के एक दिन बाद आया है।
The CPI(M) policy has been to respect religious beliefs & safeguarding the right of every individual to pursue their belief. Religion is a personal choice not to be converted into an instrument for political gain. This is a State sponsored function in presence of PM & UP CM. pic.twitter.com/A9SKOq1AsG
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) December 26, 2023
राम मंदिर उद्घाटन समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करते हुए सीताराम येचुरी ने एक्स पर लिखा, ‘सीपीआई (एम) की नीति धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करने और प्रत्येक व्यक्ति के अपने विश्वास को आगे बढ़ाने के अधिकार की रक्षा करने की रही है। धर्म एक व्यक्तिगत पसंद है, जिसे राजनीतिक लाभ के साधन में नहीं बदला जाना चाहिए। यह पीएम और यूपी सीएम की मौजूदगी में राज्य प्रायोजित समारोह है।’
सीपीआई (एम) की नेता बृंदा करात ने भी कहा कि हम सभी की धार्मिक आस्था का सम्मान करते हैं। हम राजनीति और धर्म को मिक्स नहीं करना चाहते हैं। भाजपा एक धार्मिक कार्यक्रम का राजनीतिकरण कर रही है जो सही नहीं है।