भारतीय समाज में छुआछूत की बीमारी सदियों पुरानी है। इस बीमारी के खिलाफ लड़ते हुए अनेकों महापुरुषों ने बलिदान दिया। समाजसुधारक व संविधान रचयिता डॉ. आंबेडकर ने छुआछूत के विरुद्ध संगठित प्रयास करते हुए वर्ष 1924 में बहिष्कृत हितकारिणी सभा की स्थापना की।
इसका प्रमुख उद्देश्य शिक्षा और सामाजिक-आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने के साथ ही अछूत वर्ग के कल्याण की दिशा में कार्य करना था। लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि संविधान लागू होने के सात दशक बाद भी समाज में यह बीमारी मौजूद है।
मथुरा के राधाकुंड कसबे में करीब एक वर्ष पहले पूजा करने जा रहे व्यक्ति से छः वर्ष के खेलते बच्चे से छू जाने कारण उसे सड़क पर पटक-पटक कर मार डाला था। व्यक्ति ने घटनास्थल पर मौजूद लोगों से बताया था कि वह ‘अपवित्र’ हो गया था।
आज मथुरा की जिला अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया।
बचाव पक्ष ने इस मामले में आरोपी को मानसिक तौर पर रोगी सिद्ध करने का प्रयास किया, लेकिन आगरा के मानसिक चिकित्सालय के विशेषज्ञों की जांच में वह पूर्ण रूप से स्वस्थ पाया गया। अदालत ने चिकित्सकों की तकनीकी आख्या एवं गवाहों की गवाही के आधार पर उसे मानसिक रूप से स्वस्थ्य मानते हुए दोषी करार दिया।
जिला शासकीय अधिवक्ता शिवराम सिंह तरकर ने बताया कि जनपद न्यायाधीश आशीष गर्ग की अदालत ने ओमप्रकाश निवासी भिंड (मध्य प्रदेश) को छह वर्षीय बच्चे अंकित की हत्या के आरोप में दोषी करार देते हुए उसे उम्रकैद व 50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।
अदालत ने कहा कि जुर्माने से आधी रकम मृत बालक के पिता हरपाल सैनी को दिए जाने के आदेश दिए। रकम जमा न कराए जाने की स्थिति में दोषी को पांच वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा सुनाई गई। सजा सुनाये जाने के बाद अभियुक्त को सीधे जेल भेज दिया गया।
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि मामला राधाकुंड, गोवर्धन का है, जहां 19 अगस्त 2023 को राह चलते ओमप्रकाश ने घर के बाहर खेल रहे हरपाल सैनी के छह साल के मासूम बच्चे अंकित की सरेआम सड़क पर पटक-पटक कर हत्या कर दी थी। उसे उसी समय पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया था।
इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। अधिवक्ता ने बताया कि उस मासूम का दोष बस इतना था कि वह पिता के ठेले के पास खेलते हुए सड़क से गुजर रहे हत्याभियुक्त से छू गया था।
आरोपी ने मौके पर मौजूद लोगों को उस समय बताया था कि वह पूजा करने जा रहा था और बच्चे के छू जाने से कथित रूप से खुद के ‘अपवित्र’ होने की बात कही थी।