भारतीय जनता पार्टी ने आज उत्तर प्रदेश से 2 और लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। भाजपा ने फिरोजाबाद से ठाकुर विश्वदीप सिंह एवं देवरिया लोकसभा से शशांक मणि त्रिपाठी को अपना उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने देवरिया से वर्तमान सांसद रमापति त्रिपाठी का टिकट काट दिया है।
देवरिया लोकसभा से भाजपा के प्रत्याशी शशांक मणि त्रिपाठी लेफ्टिीनेंट जनरल (अवकाश प्राप्त) एवं पूर्व सांसद प्रकाश मणि त्रिपाठी के पुत्र हैं। प्रकाश मणि त्रिपाठी भाजपा से सांसद रह चुके हैं। खुद को परिवारवाद की विरोधी बताने वाली भाजपा ने अब प्रकाश मणि त्रिपाठी के पुत्र शशांक मणि त्रिपाठी को लोकसभा से उम्मीदवार बनाया है।
बीते वर्ष देवरिया में हुए प्रेमचंद यादव एवं सत्यप्रकाश दुबे हत्याकांड मामले को लेकर शशांक मणि त्रिपाठी पर जातिवाद के आरोप लगते रहे हैं। इस हत्याकांड के बाद जब शशांक मणि त्रिपाठी से पूछा गया कि क्या वे मृतक प्रेमचंद यादव के घर पर उनके परिजनों से मिलने जाएंगे तो उन्होंने कहा था, ‘मैं यादव परिवार के घर नहीं जाऊंगा।’
इस घटना में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी गांव का दौरा किया था। अखलेश यादव ने दोनों शोक संतृप्त परिवारों से मुलाकात की थी। वे पहले सत्यप्रकाश दुबे के घर गए थे और उसके बाद प्रेमचंद यादव के घर पहुँचे थे।
‘यादव शक्ति’ पत्रिका के प्रधान संपादक चंद्रभूषण सिंह यादव कहते हैं, ‘भाजपा ने शशांक मणि त्रिपाठी को अपना उम्मीदवार घोषित कर पूर्वांचल के बहुजनों को एक नायाब तोहफा दिया है क्योंकि अब तक की राजनीति में पूर्वांचल में किसी दल का कोई नेता जाति को लेकर इतना बेबाक बोलने वाला और इनके तरीके से खुलेआम जातिवाद करने वाला नहीं हुआ था। जिले के लोग यदि प्रेमचंद्र यादव के घर पुछार करने गए तो सत्यप्रकाश दूबे के घर भी गए।’
वे आगे लिखते हैं, ‘कोई भी जनप्रतिनिधि इतना असंवेदनशील, अमानवीय एवं जातिवादी नहीं हो सकता है और इस तरीके से सरेआम समाज के सामने अपने जातिवाद का नंगा और भोंडा प्रर्दशन नहीं कर सकता है जैसा शशांक मणि त्रिपाठी जी ने किया है। पूर्वांचल के समस्त बहुजन बुद्धिजीवियों को शशांक मणि त्रिपाठी जी के उक्त वीडियो और खबर को सुनना, पढ़ना और जानना चाहिए। उन्हें विचार करना चाहिए कि जहां सभी जातियों को व्यापक पैमाने पर अनेक विभागो में नौकरी देने वाले राजमंगल पांडेय जी से लेकर बेस्ट पार्लियामेंटेरियन मोहन सिंह जी आदि भद्रजन लोग संसद सदस्य बने हों वहां ऐसे उथले स्वभाव के घोर जातिवादी को किसी राजनैतिक दल से उम्मीदवार बनाया जाना ही देवरिया जनपद का अपमान है।’
भाजपा की बहुजन विरोधी मानसिकता पर कटाक्ष करते हुए चंद्रभूषण सिंह यादव लिखते हैं, ‘शशांक मणि त्रिपाठी साहब के वायरल वीडियो को सुनने के बाद मरे से मरे यादव ही क्या हर पिछड़े, दलित एवं अल्पसंख्यक का कलेजा फट जाएगा कि यह सख्श आखिर किस मिट्टी का बना है जो पूरी बेशर्मी के साथ पहले हत्या करने वाले पक्ष का मजबूत पक्षकार बनकर पहले पीड़ित हुए पक्ष के यहां जाने से सरेआम मना कर रहा है। साथियों! स्वागत करिए कि भाजपा ने एक घनघोर यादव, पिछड़ा, बहुजन विरोधी गगनबिहारी नौजवान को देवरिया से अपना उम्मीदवार बना दिया है।’