312 ग्राम पंचायतों में टैंकरों से पानी की सप्लाई कर बुझाई जा रही प्यास

एजेंसी

1 102

सोनभद्र(आरएनएस )। जनपद को प्रकृति ने पेयजल के लिए भूगर्भ में जल का अनमोल उपहार दिया है। उसके लगातार दोहन से पेयजल की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। जनपद में भूगर्भ जल स्तर के दोहन के फल स्वरुप गांव में पेयजल की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ है। आज की तिथि में जनपद के 312 ग्राम पंचायतों में 508 टैंकरों के माध्यम से प्रतिदिन 1458 बार पानी की सप्लाई कर लोगों की प्यास बुझाई जा रही है। ग्रीष्म ऋतु में अब तक 63809 टैंकर पानी की सप्लाई की जा चुकी है।

जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने इस समस्या से जड़ से निजात पाने के लिए जनपद में बरसात के जल से भूगर्भ स्तर को रिचार्ज करने के लिए ग्राम पंचायतों में खराब पड़े बोर का प्रयोग करते हुए उसमें डीप बोर रिचार्ज पीट बनाए जाने का अभियान शुरू किया है । इस अभियान के तहत गांव पंचायतों में खराब बोर का चिन्हतीकरण किया गया तथा उसके अगल-बगल 6 फीट गहराई तक गड्ढा खोदकर उसको पक्का टैंक बनाया गया। उस टैंक में 3 लेयर का फिल्टर मीडिया एवं मोरंग का प्रयोग करते हुए उसको निर्मित कराया गया। जो बोर खराब था उसमें छेद कर मेस एवं स्टील जाली लगाकर उसमे पानी को फिल्टर करने योग्य बनाया गया। उन ग्राम पंचायतों को सर्वाधिक फोकस किया गया जिन ग्राम पंचायतों में पेयजल की समस्या अति गंभीर हो चुकी है।

जिलाधिकारी के इस आह्वान पर ग्राम प्रधानों ने पूरी तत्परता से इस कार्य को पूरा कराया आज जनपद में 1606 रिचार्ज केन्द्रों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। जिसमें विकासखंड घोरावल 267, विकासखंड बभनी में 87, विकासखंड नगवा में 79, विकासखंड दुद्धी में 163,  विकासखंड चोपन में 177, विकासखंड रावटसगंज में 215, विकासखंड करमा में 132, विकासखंड चतरा में 125, विकासखंड म्योरपुर में 245 एवं विकासखंड कोण में 116 रिचार्ज केन्द्रों का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ।  एक रिचार्ज केंद्र में औसतन 100 एमएम बरसात होने पर 5 से 7 लाख लीटर जल भूगर्भ में पहुंचेगा। जहां हम एक तरफ भूगर्भ जल का दोहन कर रहे हैं वही जिलाधिकारी के इस प्रयास से जनपद के भूगर्भ जल के रिचार्ज के लिए एक बेहतर अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान में सरकार और ग्राम पंचायतों के साथ लोगों की सहभागिता भी जरूरी है कि लोग अपना घर बनाते समय बोरवेल रिचार्ज का निर्माण कार्य अवश्य करें एवं बरसात के पानी को भूगर्भ में पहुंचाएं जिससे कि पेयजल की समस्या का स्थाई रूप से निवारण किया जा सके।

Leave A Reply

Your email address will not be published.