वर्चुअल बैठक की रिपोर्ट
संयुक्त किसान मोर्चा, उत्तर प्रदेश की राज्य इकाई की वर्चुअल बैठक आयोजित हुई। जिसमें सरकार की वादाखिलाफी के बाद किसान विरोधी भाजपा को सबक सिखाने के लिए मिशन उत्तर प्रदेश को प्रभावी बनाने पर विचार विमर्श किया।बैठक में शुरूआत में विशेष आमंत्रित संयुक्त किसान मोर्चा की केन्द्रीय समन्वय समिति के सदस्य डा. दर्शन पाल, हन्नान मौला व जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 15 जनवरी को दिल्ली में हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के निर्णयों का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत किया। मोर्चे के कार्यक्रम व भविष्य की दिशा पर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मोर्चे ने घोर निराशा और रोष व्यक्त किया कि भारत सरकार के 9 दिसंबर के जिस पत्र के आधार पर हमने मोर्चे उठाने का फैसला किया था, सरकार ने उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है।
आंदोलन के दौरान हुए केस को तत्काल वापिस लेने के वादे पर हरियाणा सरकार ने कुछ कागजी कार्यवाई की है लेकिन केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल सरकार की तरफ से नाममात्र की भी कोई भी कार्यवाई नहीं हुई है। बाकी राज्य सरकारों को केंद्र सरकार की तरफ से चिट्ठी भी नहीं गई। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक शहीद किसानों को मुआवजा भी नहीं दिया। लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या का साजिशकर्ता अजय मिश्र टेनी आज भी सरकार में मंत्री है। ऐसे में देश भर के किसानों की राय पर संयुक्त किसान मोर्चा ने यह निर्णय लिया है कि मिशन उत्तर प्रदेश जारी रहेगा, जिसके जरिए इस किसान विरोधी राजनीति को सबक सिखाया जाएगा।
बैठक में उपस्थित किसान संगठनों के सभी प्रतिनिधियों ने समूचे उत्तर प्रदेश में मिशन यूपी को तेज करने के प्रति एकजुटता जाहिर की। देश भर तमाम किसान नेताओं को मिशन यूपी में सहयोग के लिए आमंत्रित किया। बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी घटक संगठन एकजुटता के साथ मिशन यूपी के अन्तर्गत विधान सभा चुनाव में हराकर किसानों से वादाखिलाफी के लिए दोषी भाजपा को सजा देंगे।
राज्य की सभी विधानसभा क्षेत्रों में किसान संगठनों की साझा बैठकें, प्रेस वार्ता, रैलियां, सभाएं और घर-घर एस.के.एम द्वारा जारी पर्चा के व्यापक कार्यक्रम होंगे। मिशन यूपी के इस नए चरण की शुरूआत 3 फरवरी को प्रेस वार्ता के साथ होगी।
बैठक के दौरान बजट पर अनौपचारिक चर्चा के दौरान किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने बजट को संघर्षरत किसानों से सरकार का बदला करार दिया। बजट एमएसपी और किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के खोखले वादों को उजागर करता है।
बैठक में राजवीर सिंह जादौन, मुकुट सिंह, धर्मपाल सिंह चौहान, ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, गुरमनीत सिंह मांगट, शशिकांत, रंजीत वर्मा व बलवंत यादव, शेलेन्द्र कुमार, विमल त्रिवेदी व तुहिन देव, सत्यदेव पाल, रजनीश भारती व अजय असुर, शेलेष कुमार, चन्द्रभान सिंह, अफलातून व चौधरी राजेन्द्र, चन्द्रभान सिंह, बचाऊ राम, राजेश आजाद, अजय राय व दिनकर कपूर, विक्रमा मौर्य, रामाश्रय यादव, राम अवध, अखिलेश सिंह व देवेन्द्र सिंह यादव, शिवाजी राय, ऋचा सिंह, संदीप पांडेय, सुरेश राठौर, अरविन्द मूर्ति, रमेश यादव, रामसिंह, सौरभ सौजन्य, लक्ष्मण प्रसाद मौर्य, रामधीरज, इकबाल अहमद, राजेन्द्र यादव शामिल रहे। बैठक का संचालन मुकुट सिंह व शशिकांत ने संयुक्त रूप से किया।