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ग्राउंड रिपोर्ट

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया

टीएमसी नेता शाहजहाँ शाइख को पुलिस आज सुबह उत्तर 24 परगना जिले के मिनाखा में एक घर से गिरफ्तार किया गया।

कोलकाता। अंतत: पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख आज सुबह पुलिस की पकड़ में आ गए। कई दिनों से भागे हुए, छुपते-बचते हुए उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया। संदेशखाली पहली ही बार नहीं आज से आठ वर्ष पहले दंगे के लिए चर्चा में था, वहीं अब पिछली जनवरी में 7 तारीख से संदेशखाली और टीएमसी नेता संदेशखाली शाहजहां शेख चर्चा में हैं।

शाहजहां शेख को उत्तर 24 परगना जिले के मिनाखा में एक घर से गिरफ्तार किया गया। मिनाखा से तड़के गिरफ्तारी के बाद शेख को सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर बशीरहाट की अदालत में पेश किया गया। राज्य पुलिस ने शेख को 14 दिन की हिरासत में भेजे जाने का अनुरोध किया था लेकिन अदालत ने 10 दिन की पुलिस हिरासत की मंजूर दी। जहां अदालत ने संदेशखाली से तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख को बृहस्पतिवार को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

संदेशखाली भाजपा की वजह मीडिया में काफी चर्चा में है। 7 जनवरी को स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां के घर पर राशन घोटाले मामले में ईडी की रेड पड़ी थी। जिसे स्थानीय लोगों ने रोकने की कोशिश की। जिसमें ईडी के कुछ कर्मचारी जख्मी भी हुए थे। उसके बाद से ही शाहजहां शेख फरार थे और पुलिस को 50 दिन से भी अधिक दिनों से उसकी तलाश थी।

वहाँ के  महिलाएं स्थानीय टीएमसी नेताओं पर लगातार यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर धरना प्रदर्शन कर उन्हें गिरफ्तार कर कार्रवाई करने के लिए मांग कर रही है। विधान सभा के साथ पूरे देश में यह मामला सामने आया।

कौन हैं शाहजहाँ 

शाहजहां जब युवा थे तब से तृणमूल कांग्रेस में शामिल होकर राजनैतिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। इन पर राशन घोटाले का आरोप तो है ही साथ ही स्थानीय लोगों खासकर महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप भी लगाया है। साथ ही स्थानीय लोगों की ज़मीनों पर जेसीबी चलाकर वहाँ रह रहे लोगों बेदखल किया और तालाब बनाकर मछली पालन का काम कर रहा था। यह काम बरसों से चल रहा था। यहाँ की महिलाएं अपने अधिकार के लिए आंदोलन-प्रदर्शन के लिया पहली बार सड़क पर आईं।

ईडी की रेड पड़ने के और महिलाओं के अत्याचार के विरोध में सड़क में आने के बाद संदेशखाली चर्चा में आ गया। बीजेपी ने भी संदेशखाली के मुद्दे को उछालने की कोशिश पूरी कोशिश कर रह हिन्दू महिलाओं पर हो रहे आत्याचार को हाई लाइट कर राजनीति की।

राज्यपाल भी राजनीति करने से नहीं चूके

ईडी जब राशन घोटाले के लिए जब छापा मरने संदेशखाली पहुंचे तब तृणमूल के समर्थकों ने ईडी पर हमला कर कुछ लोगों को जख्मी कर दिया, जिसके बाद ईडी ले लोग वहाँ से वापस चले गए थे। इस वजह से कोलकाता के राजभवन से राज्यपाल महोदय ने तुरंत संदेशखाली जाने का कष्ट किया था।

लेकिन राज्यपाल की इस भूमिका का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हिदायत दी कि राज्यपाल संवैधानिक पद है और उन्हें इस बात की गरिमा बनाए रखनी होगी। वे बीजेपी के प्रचारक या समर्थक न  बने।

इधर संदेशखाली की महिलाओं और स्थानीय लोगों से बात करने जा रही फ़ैक्ट फाइंडिंग टीम को भी संदेशखाली से 50 किलोमीटर की दूरी पर ममता बनर्जी की सरकार ने रोक लिया था। जिसके बाद टीम के सदस्यों ने वहीं धरना शुरू कर दिया था।

लेकिन अब जब पचास दिनों से पुलिस की पकड़ से बाहर रहे तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां गिरफ्तार तो हो गए हैं लेकिन आगे कितनी कार्रवाई होगी ये तो समय बताएगा।

गाँव के लोग
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