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वरिष्ठ मार्क्सवादी नेता एन. शंकरैया का निधन, दी गई श्रद्धांजलि

केरल के मुख्यमंत्री विजयन, वित्त मंत्री बालगोपाल ने जताया शोक  चेन्नई, (भाषा)। स्वतंत्रता सेनानी और अनुभवी मार्क्सवादी नेता एन. शंकरैया का आज बीमारी के बाद चेन्नई में निधन हो गया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सूत्रों ने यह जानकारी दी। वह 102 वर्ष के थे और उनका चेन्नई के एक निजी अस्पताल में इलाज चल […]

केरल के मुख्यमंत्री विजयन, वित्त मंत्री बालगोपाल ने जताया शोक 

चेन्नई, (भाषा)। स्वतंत्रता सेनानी और अनुभवी मार्क्सवादी नेता एन. शंकरैया का आज बीमारी के बाद चेन्नई में निधन हो गया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सूत्रों ने यह जानकारी दी। वह 102 वर्ष के थे और उनका चेन्नई के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था।शंकरैया को देश में, खास कर तमिलनाडु में मार्क्सवादी आंदोलन के सबसे बड़े नेताओं में से एक माना जाता है। पट्टली मक्कल काट्ची (पीएमके) नेता एस. रामदास ने शंकरैया के निधन पर शोक जताया है।

वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार को स्वतंत्रता सेनानी और वरिष्ठ मार्क्सवादी नेता एन शंकरैया के निधन पर शोक प्रकट करते हुए उन्हें कम्युनिस्ट आंदोलन का पथ-प्रदर्शक बताया। विजयन ने अपने शोक संदेश में कहा कि शंकरैया की नेतृत्व शैली निस्वार्थ भावना वाली थी और वह मुश्किल से मुश्किल वक्त में काम करने की प्रेरणा देते थे। केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने भी शंकरैया के निधन पर शोक प्रकट किया। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उनकी सेवाओं को याद किया। तमिलनाडु सरकार ने हाल ही में शंकरैया को ‘थगैसल तमिलार’ पुरस्कार से सम्मानित किया था।

शंकरैया को बुखार और सर्दी की शिकायत के बाद सोमवार को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद उनका ऑक्सीजन संतृप्ति स्तर भी कम हो गया था। बुधवार सुबह उनका निधन हो गया । उनके पार्थिव शरीर को जनता के अंतिम दर्शन के लिए टी नगर स्थित सीपीआई (एम) कार्यालय में रखा जाएगा। शंकरैया अविभाजित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के उन 32 सदस्यों में से एक थे, जो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की स्थापना के लिए 11 अप्रैल, 1964 को आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक से बाहर चले गए थे।शंकरैया का जन्म और पालन-पोषण थूथुकुडी जिले के कोविलपट्टी में हुआ, जहां उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। बाद में, वह मदुरै अमेरिकन कॉलेज में शामिल हो गए जहाँ उन्होंने इतिहास में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि अत्यंत प्रेरक रही। स्वतंत्रता के बाद उन्होंने चुनावी राजनीति में भाग लिया और 1967, 1977 और 1980 में तमिलनाडु विधानसभा में गए और उन्होंने 11 वर्षों तक विधायक के रूप में कार्य किया। उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआई (एम)) की तमिलनाडु इकाई में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जहां उन्होंने पार्टी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शंकरैया को 2021 में तमिलनाडु के सर्वोच्च पुरस्कार, थगैसल तमिल पुरस्कार से सम्मानित किया गया जब वह 100 वर्ष के हो गए। इस पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र और 10 लाख रुपये की राशि दी गई जिसे कम्युनिस्ट नेता ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर दिया।

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