मुंबई (भाषा)। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता मौरिस नोरोन्हा ने 8 फ़रवरी की शाम फेसबुक लाइव के दौरान शिवसेना (यूबीटी) नेता अभिषेक घोसालकर की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि हमलावर नोरोन्हा ने खुद को भी गोली मारकर अपनी जान दे दी है।
जानकारी के अनुसार, पूर्व पार्षद घोसालकर की गोली लगने के बाद उत्तरी मुंबई के एक अस्पताल में मौत हो गई। घटना का फेसबुक लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें अभिषेक के पेट और कंधे में गोली मारी जाती दिखाई देती है। घोसालकर और नोरोन्हा के बीच आपसी रंजिश थी।
फेसबुक लाइव यह स्पष्ट करने के लिए था कि वे बोरीवली में आईसी कॉलोनी क्षेत्र की बेहतरी के लिए अपने आपसी विवाद को खत्म करके दोनों एक साथ आए हैं। अभिषेक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के वरिष्ठ नेता विनोद घोसालकर के बेटे थे। वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि गोलीबारी की घटना की जांच शुरू कर दी गई है।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि शिंदे ने चार दिन पहले यहां मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में नोरोन्हा से मुलाकात की थी और उन्हें अपने (शिंदे के) नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। राउत ने यह भी मांग की कि उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा दे देना चाहिए।
महाराष्ट्रात गुंडा राज!
अभिषेक घोसाळकर यांच्यावर गोळ्या झाडणारा मोरिश narohna चार दिवसांपूर्वीच
वर्षा बंगल्यावर होता.मुख्यमंत्री त्याला भेटले. मोरीश याला शिंदे सेनेत येण्याचे आमंत्रण दिले!(वर्षा बंगला गुंड टोळ्यांचा अड्डा झालाय)आज त्यानें अभिषेकवर गोळ्या चालवून बळी घेतला!
फडणविस… pic.twitter.com/px2scxZ4jV— Sanjay Raut (@rautsanjay61) February 8, 2024
खबरों के अनुसार, अभिषेक घोसालकर जिसकी हत्या हुई है, वह शिवसेना गुट के नेता और पूर्व विधायक विनोद घोसालकर के बेटे थे। विनोद घोसालकर 2009 से 2014 तक महाराष्ट्र विधान सभा के सदस्य थे। घोसालकर ने ग्रेटर मुंबई नगर निगम में नगरसेवक के रूप में भी काम किया था। एमडीसीसी बैंक के डायरेक्टर भी थे। घोसालकर को आदित्य ठाकरे का सबसे करीबी माना जाता है।
घटना के बाद घोसालकर के समर्थक आक्रामक होकर नोरेन्हो के ऑफिस में तोड़-फोड़ करने लगे। इस घटना के बाद दहिसर इलाके में तनाव की स्थित पैदा हो गई, जिसके चलते बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।
हालांकि, अभी तक पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से इस मामले में कोई बयान जारी नहीं किया गया है।