रायपुर। संयुक्त किसान मोर्चा ने 7 जनवरी को हसदेव में आयोजित नागरिक प्रतिरोध मार्च का समर्थन करते हुए इस क्षेत्र के सभी कोयला ब्लाकों का आबंटन रद्द करने की मांग की है। किसान मोर्चा ने हसदेव से संबंधित मुद्दों पर चिंता रखने वाले सभी संवेदनशील नागरिकों, ट्रेड यूनियनों, सामाजिक संगठनों, पर्यावरण कार्यकर्ताओं, आदिवासी, दलित और किसान संगठनों से इस प्रतिरोध मार्च का समर्थन करते हुए इसमें हिस्सा लेने की अपील की है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि हसदेव में एक भी पेड़ की कटाई केंद्र और राज्य सरकार दोनों की सहमति के बिना नहीं हो सकती, इसलिए नव निर्वाचित भाजपा सरकार पिछली कांग्रेस सरकार पर दोषारोपण करके बच नहीं सकती। भाजपा सरकार को विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव का पालन करना चाहिए, जिसमें हसदेव को खनन मुक्त रखने का संकल्प किया गया है। इसके लिए हसदेव क्षेत्र के सभी कोयला खदानों का आबंटन रद्द किया जाना चाहिए। खनन के लिए अपनी स्वीकृति न देने के लिए भाजपा राज्य सरकार से अपील करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि आदिवासी हितों की रक्षा करने, पर्यावरण और जैव विविधता को बचाने के लिए हसदेव क्षेत्र में खनन परियोजनाओं पर पूर्ण विराम लगाया जाना जरूरी है।
संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति की आज हुई बैठक ने ट्रक ड्राइवरों की देशव्यापी हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा है कि केंद्र में काबिज भाजपा सरकार आम जनता के साथ विचार विमर्श किए बिना और संसदीय प्रक्रिया को नजरंदाज करके, केवल अपने बहुमत के बल पर तानाशाहीपूर्ण तरीके से देश के कानूनों में जन विरोधी और कॉर्पोरेटपरस्त बदलाव कर रही है। किसान मोर्चा ने नए परिवहन कानून को वापस लेने की मांग की है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदेश में बढ़ रही महंगाई और बेरोजगारी पर भी अपनी चिंता व्यक्त की। किसान मोर्चा ने बिना किसी वैकल्पिक योजना के पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा लागू सामाजिक कल्याण योजनाओं पर भाजपा सरकार द्वारा रोक लगाए जाने की निंदा की है और न्याय योजना के तहत बजट में किसानों के लिए स्वीकृत इनपुट सब्सिडी को वितरित करने की मांग की है। समन्वय समिति ने कहा है कि वैकल्पिक कृषि नीतियों पर पूरे प्रदेश में एक पखवाड़े का अभियान चलाकर 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैलियां आयोजित करने की रूपरेखा बनाई जा रही है।