सड़कों के किनारे गाना गाकर रोटी कमानेवालों का समाज मुसलसल वंचना और अभाव का शिकार है। उनके पास रोजगार, आवास और शिक्षा का कोई भी मार्ग नहीं है। मूलतः दलित श्रेणी से ताल्लुक रखनेवाला यह समुदाय एक भविष्यहीन जीवन जी रहा है। कुशीनगर के रामाभार स्तूप के गेट पर बच्चों का यह समूह मिला और हमारे कहने पर गीत सुनाया। बेशक उनका उच्छरन हंसी पैदा करनेवाला है लेकिन उनकी आवाज उनके जीवन के दर्द से भरी हुई है।
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