Friday, November 22, 2024
Friday, November 22, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमग्राउंड रिपोर्टकुछ ही घंटों की बारिश में ताल-तलैया बन जाती है ‘स्मार्ट सिटी’

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

कुछ ही घंटों की बारिश में ताल-तलैया बन जाती है ‘स्मार्ट सिटी’

हालत यह है कि बूढ़े शहर बनारस की मुख्य सड़कों पर कहीं घुटने भर तो कहीं उसके ऊपर तक पानी लग जाता। सबसे ज्यादा दिक्कत वहां होती है जहां ‘कार्य प्रगति पर है...’ का बोर्ड लगा रहता है। यहां लोगों की ज्यादा दुर्गति हो रही है। कई इलाकों में जल जमाव और गंदगी का आलम ऐसा बना हुआ है कि लोग बारिश होते ही भयभीत होने लगते हैं।

स्मार्ट सिटी बनारस के लिए बारिश राहत नहीं आफत’ है

वाराणसी। मानसून की शुरुआत होते ही पीएम मोदी के स्मार्ट सिटी वाराणसी में जमकर उथल-पुथल हो जाती है। कुछ ही घंटों की बारिश से पूरा शहर ताल-तलैया हो जाता है। कई इलाके तो ऐसे हैं जहां नाव चलाने की स्थिति बन जाती है। उन्हीं इलाकों में जल निकासी की व्यवस्था धड़ाम होने के चलते मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक में पानी भर जाता है। हालत यह है कि बूढ़े शहर बनारस की मुख्य सड़कों पर कहीं घुटने भर तो कहीं उसके ऊपर तक पानी लग जाता। सबसे ज्यादा दिक्कत वहां होती है जहां ‘कार्य प्रगति पर है…’ का बोर्ड लगा रहता है। यहां लोगों की ज्यादा दुर्गति हो रही है। कई इलाकों में जल जमाव और गंदगी का आलम ऐसा बना हुआ है कि लोग बारिश होते ही भयभीत होने लगते हैं। उन्हें जलजमाव और बीमारियों का डर रहता है। ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या स्मार्ट सिटी बनारस तेज बारिश के लिए तैयार है।

अभी हाल ही में हुई बारिश के कारण मंगलवार को बनारस का अधिकतम तापमान 33.4 डिग्री सेल्सियस तो वहीं न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस तक गया। बारिश का आलम यह हुआ कि सबसे ऊंचाई वाले गोदौलिया से लेकर पूरे नगर की सड़कें पानी से डूब गईं। भारी बरसात के चलते अंधरापुल पर पानी जमा हो गया जिससे वरुणापार की तरफ आने-जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतें हुईं  घंटों इंतजार भी करना पड़ा। यहां पर हर बारिश में लोगों को ज्यादा दिक्कतें उठानी पड़ती है। कैंट रेलवे स्टेशन से वरुणापार जाने वाले वाहन दूसरा रुट पकड़ लेते हैं।

नगर निगम के अफसरों पर गंभीर आरोप

सपा नेता रविकांत विश्वकर्मा बताते हैं नगर निगम के अधिकारी हर साल ड्रेनेज का पैसा गटक जाते हैं। कहा कि ड्रेनेज के लिए करोड़ों रुपया खर्च हुआ लेकिन जलभराव की समस्या जस की तस इस स्मार्ट शहर में बनी हुई है। नाले पूरी तरह से जाम हैं। बताया कि बनारस में ज्यादातर सभासद, विधायक और मंत्री सभी भाजपा के ही है बावजूद इसके शहर की यह दयनीय स्थिति काफी शर्मनाक है।

हर बार गिरते हैं जर्जर मकान

बनारस में झमाझम बारिश हो और मकान गिरने का हादसा न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। गांव हो शहर कहीं न कहीं से दो-चार खबरें मकान गिरने की आ ही जाती हैं। बीते 17 जून को दिन में 12 बजे भेलूपुर स्थित बागहाड़ा क्षेत्र में एक जर्जर मकान का बाहरी हिस्सा ढह गया।

त्रिपुरा भैरवी में पुराने भवन की दिवार गिरी

शाही नाला का एक दृश्य

बारिश के कारण कुछ दिनों पहले ही दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के त्रिपुरा भैरवी व डेढ़मल गली से सटी पुराने भवन डी 5/120 की दिवार गिर गई। संयोग ही था कि बारिश होने के कारण आवागमन नहीं था, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ। स्थानीय लोगों का कहना है कि डेढ़मल गली में डी 4/3 नंबर का मकान भी काफी जर्जर हो चुका है। किसी भी वक्त उसके धराशाही होने की आशंका है।

निर्माण स्थलों पर कीचड़ व गंदगी से परेशानी

जहां-जहां भी निर्माण कार्य जारी है वहां इस बरसात से समस्या बढ़ा दी है। सबसे ज्यादा दिक्कत जंगमबाड़ी, कालभैरव, गढ़वासी टोला व दशाश्वमेध में हो रही है। यहां स्मार्ट सिटी की ओर से गलियों का सुंदरीकरण कराया जा रहा है। उधर, इन वार्डों में जब लोगों का कीचड़ व गंदगी से सामना हुआ तो समस्याओं से घिरे लोगों ने पूरे दिन नगरीय व्यवस्था को कोसा।

कॉलोनी में भी भरा पानी

एईएन कॉलोनी, न्यू लोको, आरएमएस कॉलोनी में जहां पानी का कुछ देर में डेंजिंग कर दिया गया वहीं गंदगी का अंबार भी दिखा। बारिश से नाला का पानी उफान करते ही चारों तरफ गंदगी फैल गयी। कूड़े का ढेर भी पानी में बहकर हर चारों ओर फैल गया था।

इन मुहल्लों में होती हैं ज्यादा दिक्कतें

बनारस का बड़ी बाजार, पिपलानी, मैदागिन, जैतपुरा, छोहरा, रविंद्रपुरी, तेलियाबाग, औसानगंज, चौकाघाट, हुकुलगंज, लहरतारा, लहरतारा स्टेडियम रेलवे कालोनी, शिवपुरवां, बड़ी गैबी, लल्लापुरा, सरसौली, नई बस्ती, पांडेयपुर, भक्तिनगर, सरायसुर्जन, दनियालपुर, नगवां, नेवादा, नवाबगंज, नवापुरा, सलेमपुरा, बजरडीहा, काजीपुरा, अकथा-बेला मार्ग, नरिया, कमलगड़हा, जोल्हा उत्तरी, हबीबपुरा, जोल्हा दक्षिणी, बिरदोपुर, कोनिया, अलईपुरा, रमरेपुर, ईश्वरगंगी, कतुआपुरा, गोलादीनानाथ, पियरी कलां, लहंगपुरा, बेनिया, सरैया, सरायगोवर्धन, कटेहर, कोयला बाजार, पानदरीबा, हड़हा, बलुआबीर, काजीसादुल्लापुरा, छित्तनपुरा, गढ़वासी टोला, कालभैरव, जमालुद्दीनपुरा, आगागंज, रसूलपुर, कमालपुरा, कच्चीबंधूबाग, चंदुआ सट्टी, पहड़िया मंडी आदि ।

बनारस: एक नजर में

शहर का क्षेत्रफल : 82.10 वर्ग किमी

नदियां : गंगा, वरुणा, असि

वार्ड : 90

मुहल्ले : 434

आवास : 192786 (लगभग)

शामिल हुए नए गांव : 86 (लगभग)

छोटे व बड़े कुल 113 नाले।

नाला : नगवां-अस्सी नाला, नरोखर नाला, अकथा नाला, सिकरौल नाला, बघवा नाला।

अंग्रेजों के जमाने में 24 किमी का शाही नाला।

एक दशक पूर्व बना 76 किमी का स्टार्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम।

दो सौ वर्ष पूर्व जब शाही नाले के रूप में पहला ड्रेनेज बना था तो शहर की आबादी 1.80 लाख थी और क्षेत्रफल 30 वर्ग किमी था .

अमन विश्वकर्मा
अमन विश्वकर्मा
अमन विश्वकर्मा गाँव के लोग के सहायक संपादक हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here