पिछड़ों-दलितों की राजनीतिक दावेदारी को हिंसा के जरिए नहीं दबा सकती योगी सरकार
हेमंत के परिजनों से मुलाकात कर उनके इंसाफ की आवाज उठाएगा रिहाई मंच
लखनऊ। रिहाई मंच ने बलिया में दिनदहाड़े छात्र नेता हेमंत यादव की पीट-पीटकर हत्या के लिए योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। सूबे में हेमंत के इंसाफ की आवाज उठाई जाएगी। राजधानी समेत सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध दर्ज किया जाएगा। रिहाई मंच समेत विभिन्न संगठन हेमंत के परिजनों से मुलाकात करेंगे।
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने सवर्ण सामंती तत्वों को खुली छूट दे रखा है, जिसका शिकार बलिया के छात्रनेता हेमंत यादव हुए। छात्रसंघ अध्यक्ष चुनाव की तैयारी कर रहे हेमंत की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष (टीडी कालेज) शिप्रांत सिंह गौतम और उसके साथियों ने चुनावी रंजिश के तहत हत्या कर दी। सुनियोजित हत्या करने वाले शिप्रांत सिंह पर क्या बुलडोजर चलेगा? सैनिक के बेटे की पुलिस चौकी से महज कुछ दूरी पर दिनदहाड़े सरेआम नृशंस हत्या ने बाबा के बुलडोजर राज की सच्चाई को उजागर कर दिया है कि पिछड़े, दलित, मुस्लिम अगर अपने हक और अधिकार की बात करेंगे तो उनको जीने का अधिकार नहीं है। क्योंकि परिजनों का साफ आरोप है कि आपसी प्रतिद्वंद्विता और चुनावी रंजिश के चलते घटना हुई। लाठी, डंडा, रॉड, लोहे की हथौड़ी से हमला कर वंचित समाज के नेताओं के मनोबल को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। योगी की राजनीति शुरू से हिंसा को उकसाने और वंचित पिछड़ों को दबाने वाली राजनीति रही है जिसने एक दौर में सांप्रदायिक हिंसा को करवाया आज वही राजनीति जातीय हिंसा को भड़का रही है। सत्ता संरक्षण में अपराधी पल रहे हैं। तत्काल हेमंत के हत्यारों को गिरफ्तार किया जाए। अपराधियों पर बुलडोजर चलाने वाली सरकार बताए कि क्या इस नृशंस हत्या के आरोपियों पर बुलडोजर चलेगा।
यह भी पढ़ें…
दादर डिग्री कालेज, बलिया के छात्र संघ के अध्यक्ष रहे निशांत राज ने कहा कि दिनदहाड़े पुलिस स्टेशन के नजदीक मेरे छोटे भाई और छात्र नेता हेमंत यादव की इतनी वीभत्स हत्या दिल दहला देने वाली है, हेमंत इस देश के सबसे जागरूक छात्रों में से एक थे। उन्होंने समाज की बुराइयों के साथ देश में हो रहे किसानों-मजदूरों के आंदोलन और अल्पसंख्यक समुदाय के आंदोलनों के साथ छात्र संघ बहाली में भी अपनी अग्रणी भूमिका निभाई। वह लगातार योगी सरकार और केंद्र की जनविरोधी नीति के खिलाफ मुखर रहे और उनकी इस आंदोलनकारी छवि के कारण वह जिले में सभी लोगों के चहेते हो गए थे। इसी कारण से उनकी सुनियोजित रूप से हत्या की गई। उन्होंने यह भी कहा कि पिछड़ों-दलितों ने बलिया के महाविद्यालयों में सवर्ण सामंती वर्चस्व को चुनौती दी है। जिससे बौखलाए अपराधियों ने हेमंत को निशाना बनाया।
राजीव यादव रिहाई मंच के महासचिव हैं।