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ग्राउंड रिपोर्ट

जन नाट्य मंच के 50 वर्ष

1973 में स्थापित जन नाट्य मंच (जनम), दिल्ली में स्थित एक प्रमुख नुक्कड़ नाटक समूह, इस वर्ष अपना स्वर्ण जयंती समारोह शुरू करने के लिए तैयार है। इसके कुछ लोकप्रिय नाटक मशीन, औरत, हल्ला बोल, मत बाँटो इंसान को, वो बोल उठी और हाल ही में किए गए नाटकों में तथागत, अनसुने अफ़साने और अँधेर […]

1973 में स्थापित जन नाट्य मंच (जनम), दिल्ली में स्थित एक प्रमुख नुक्कड़ नाटक समूह, इस वर्ष अपना स्वर्ण जयंती समारोह शुरू करने के लिए तैयार है। इसके कुछ लोकप्रिय नाटक मशीन, औरत, हल्ला बोल, मत बाँटो इंसान को, वो बोल उठी और हाल ही में किए गए नाटकों में तथागत, अनसुने अफ़साने और अँधेर नगरी हैं। जनम के नाटकों ने श्रम अधिकार, राशन, महंगाई, सांप्रदायिकता, लिंग, जाति, बेरोज़गारी आदि मूलभूत मुद्दों को संबोधित किया है।

जनम के पिछले 50 सालों को आगे के वक़्त के लिए एक आधार तैयार करने के लिए याद किया जाएगा। जन नाट्य मंच अपने काम के ज़रिए प्रगतिशील, लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और वैज्ञानिक चेतना के साथ खड़ा रहा है और आगे भी रहेगा।
जनवरी 1989 में, जनम के सह-संस्थापकों में से एक, सफदर हाशमी पर तत्कालीन शासन व्यवस्था के असामाजिक तत्वों द्वारा घातक हमला किया गया था। यह हमला हल्ला बोल नाटक के प्रदर्शन के दौरान किया गया जिसे कार्यकर्ताओं की मांगों के समर्थन में झंडापुर में खेला जा रहा था। आज सफदर का नाम भारत में नुक्कड़ नाटक और प्रगतिशील सांस्कृतिक आंदोलनों का पर्याय बन गया है।

सालों तक किए गए बहुत से सहयोगात्मक प्रयासों के बीच, 2015 में जनम ने फ़िलिस्तीन के द फ़्रीडम थि

एटर के साथ काम किया और एक नाटक तैयार किया जिसमें इजरायल के कब्ज़े की कहानी प्रस्तुत की गई। फ़्रीडम जत्थे के तहत इस नाटक को ग्यारह विभिन्न भारतीय शहरों में खेला गया।
मार्च 2022 में अपने 50 वें वर्ष के उत्सव की शुरूआत करते हुए, जनम ने एक छोटा वीडियो लॉन्च किया, जो आम लोगों के बीच अपने काम की भावना को समाहित करता है। मशहूर कलाकार ओरिजीत सेन ने जनम की 50 वीं सालगिरह का लोगो खासतौर पर डिज़ाइन किया है।

जनम के स्वर्ण जयंती वर्ष को मनाने के लिए, हमने पूरे साल तमाम गतिविधियों और कार्यक्रमों की योजना बनाई है। ये निम्न प्रकार हैं:
आमंत्रित प्रख्यात थिएटर निर्देशकों के साथ नए नाटक – सुनील शानबाग, शैली सथ्यू, और मल्लिका तनेजा
रंगमंच वार्तालाप
जनम के 50 वर्ष पूरे होने पर प्रदर्शनी यात्रा
विभिन्न पोस्ट की श्रृंखला – जनम के लोग – उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जो आधी सदी से भी अधिक समय से इस यात्रा का हिस्सा रहे हैं
जनम संग्रह(आर्काइव) को सार्वजनिक करना (अल्काज़ी थिएटर आर्काइव के सहयोग से) अधिक जानकारी के लिए, आप हमें इस पते पर लिख सकते हैं: jananatyamanch@gmail.com

अथवा

संपर्क:
सानिया हाश्मी (सचिव, जनम) – 9810784489
कोमिता ढांडा (कार्यकारिणी सदस्य, जनम) – 9868880881

 

गाँव के लोग
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