मोहल्ले की गलियों में दुर्दशा को लेकर गाँव के लोग डॉट कॉम ने गत आठ अगस्त को वॉर्ड नम्बर 64 पर जातीय और धार्मिक विद्वेष से भरा ‘क्योटो का नगर निगम’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस खबर में नई पोखरी मोहल्लेवासियों ने बुनियादी समस्याओं को लेकर अपनी बात रखी थी। साथ ही सफाई और निगमकर्मियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया था।
वेबसाइट पर खबर छपने के कुछ महीने बाद वाराणसी के वॉर्ड नम्बर 64 यानी नई पोखरी मोहल्ले की गली बन जाने से स्थानीय लोगों को काफी राहत मिल गई है। कूड़े की दुर्गंध से उन्हें निजात मिल गई।
वाराणसी नगर निगम कैसे जातीय विद्वेष से काम कर रहा है, सही ढंग से गलियों का बुनियादी विकास नहीं हो पा रहा है। इसी बात को केंद्र में रखकर खबर प्रकाशित गई थी।
खबर प्रकाशित होने के बाद स्थानीय पार्षद प्रिंस राय और नगर निगम ने इसे संज्ञान में लेकर कार्यवाही शुरू कर दी थी। लगभग डेढ़ माह बाद गलियों की मरम्मत हो गई। उबड़-खाबड़ रास्ते अब ठीक हो गए। बजबजा रहे कूड़े और नालियों की सफाई कर दी गई।
यह भी पढ़ें…
जातीय और धार्मिक विद्वेष से भरा ‘क्योटो’ का नगर निगम
उस समय स्थानीय पार्षद ने कहा था कि नई पोखरी शहर उत्तरी का ही हिस्सा है। बावजूद इसके भाजपा विधायक ने इस मोहल्ले का एक बार भी दौरा नहीं किया, तो काम कहाँ से होगा? मैं तो हाल ही में यहाँ का पार्षद चुना गया हूँ। चूँकि इस मोहल्ले की समस्या काफी गम्भीर है।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया था कि इस मोहल्ले के पूर्व पार्षद भाजपा के थे, बावजूद इसके उन्होंने गली की मरम्मत के लिए कोई काम नहीं किया। हमारी शिकायतों को हमेशा अनसुना कर दिया जाता था।
इस गली की सफाई और चौका-मरम्मत हो जाने के बाद लोग अपने घर के दरवाजे पर भी बैठने लगे हैं। वहाँ अब कूड़े की दुर्गंध नहीं आती। लोग बताते हैं कि दसियों बरस पहले पत्थर बिछाया गया था। इस बार जो मरम्मत हुई है, उससे आठ-दस महीने तक तो रास्ता ठीक ही रहेगा।
गली के राजेश, सचिन और सितारा ने गली की दुर्व्यवस्था ठीक हो जाने पर खुशी जताई है। उन लोगों ने ‘गाँव के लोग डॉट कॉम’ को खबर प्रकाशित करने के लिए धन्यवाद दिया।