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ग्राउंड रिपोर्ट

वाराणसी : इग्नस पहल ने ‘वर्तमान प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका’ पर आयोजित की परिचर्चा

 इग्नस पहल के वाराणसी स्थित नए क्षेत्रीय कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर एक दिवसीय शैक्षिक संवाद एवं परिचर्चा का आयोजन ‘वर्तमान प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका (परिप्रेक्ष्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020)’विषय पर हुआ।राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार अभिभावक और शिक्षक एक-दूसरे से कैसे सामंजस्य रखे ताकि बच्चे पर सकारात्मक असर कैसे दिखाई दे, इस पर बातचीत की गई।

इग्नस पहल के वाराणसी स्थित नए क्षेत्रीय कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर एक दिवसीय शैक्षिक संवाद एवं परिचर्चा का आयोजन ‘ वर्तमान प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका (परिप्रेक्ष्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020)’ विषय पर हुआ। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार अभिभावक और शिक्षक एक-दूसरे से कैसे सामंजस्य रखें ताकि बच्चे पर सकारात्मक असर दिखाई दे।

इस विषय पर शैक्षिक संवाद में श्री राकेश बहादुर यादव, सीडीपीओ बड़ागांव, उ.प्र. शिक्षा विभाग के एसआरजी तथा एआरपी सदस्य, सरकारी विद्यालयों के शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, अनिल पटेल (गंगा), ग्राम प्रधान, कविरामपुर और स्थानीय समुदाय के लोगों ने भागीदारी ली।

इग्नस पहल की ओर से सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कार्यक्रम का आधार वक्तव्य दिया एवं चर्चा को आगे बढ़ाते हुए NEP 2020 का विजन, उद्देश्य, इन उद्देशों को हासिल करने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बात की, जिसके बाद संवाद हेतु बिंदु साझा किये गए, प्रतिभागियों ने एक-एक कर प्रारंभिक शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए शिक्षक और अभिभावक की भूमिका को लेकर अपने विचार साझा किये।

सीडीपीओ बड़ागांव ने आंगनवाड़ी से जुडी चुनौतियों को साझा किया तथा आंगनवाड़ी में समय-समय पर लागू किये गए विभिन्न कार्यक्रम तथा उनके प्रभाव पर रोशनी डाली। विजय सिंह, एआरपी, ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि नोडल टीचर समय के अभाव के कारण आंगनवाड़ी में बहुत अधिक कार्य नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन मौका मिलने पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से संवाद करते हुए उनका प्रोत्साहन करते हैं।

एसआरजी सदस्य राजीव ने बेसिक शिक्षा द्वारा निर्मित किताबों तथा रेडीनेस पैकेज के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि ये पैकेज कैसे बच्चो को बेहतर सीखने में मदद करेगा तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का काम आसान बनाएगा।

समुदाय से उपस्थित परिजन ने अपनी बात रखते हुए कहा कि प्रारंभिक शिक्षा में बच्चों को मोबाइल एवं टैब जैसी चीजों से दूर रखा जाये ताकि वे अपने आसपास के परिवेश में खेले और सीखे। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रेमलता ने साझा किया कि उन्हें अपने विद्यालय के नोडल टीचर और प्रधानाध्यापिका से बेहतर सहयोग मिल रहा है, जिसका असर उनकी कक्षा-कक्ष में भी दिखाई देता है, वे आशा करती हैं कि बाकी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी ऐसा ही सहयोग उनके विद्यालय से मिले, जिससे उनकी कार्य प्रणाली बेहतर हो सके।

चर्चा को समेकित करते हुए इग्नस से सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि हमारे शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और अभिभावकों की सामाजिक, विभागीय एवं व्यक्तिगत समस्याएँ हैं, इन समस्याओं का सीधा असर बच्चों की शिक्षा पर पड़ता है इसलिए  जरूरी है कि शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं अभिभावक के साथ काम करने से पहले उन्हें सुना जाए तथा उनके विचारों को गंभीरता से लेते हुए उन्हें समाधान का हिस्सा बनाया जाए।

समेकन के बाद श्री राकेश बहादुर यादव, सीडीपीओ बडागांव द्वारा कार्यालय का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम में इग्नस पहल की टीम से तुषार, श्रीपर्णा, शुभम, वीरेंद्र, विनय, मनीष और गायत्रीदेवी मौजूद रहे।

गाँव के लोग
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