उत्तर प्रदेश के अयोध्या में जब सबसे अधिक दीप जलाने का रिकॉर्ड कायम किया जाने वाला है, तब वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के करसड़ा गांव से उजाड़े गये 13 मुसहर परिवारों ने दिवाली ना मनाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय बुधवार को बस्ती में हुई एक बैठक में लिया गया।
करसड़ा गांव में मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले अटल आवासीय विद्यालय हेतु मुसहर बिरादरी के तेरह परिवारों के घर बीते शनिवार को शासन द्वारा उजाड़ दिये गये थे। इससे आक्रोशित मुसहरों ने आज एक बैठक की। इस बैठक में पीड़ित परिवारों ने कहा कि हमारी पुश्तैनी ज़मीन प्रशासन द्वारा जबरन छीनी जा रही है। इसलिए हम लोगों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ विरोध स्वरूप कर दीपावली नहीं मनाने का निर्णय लिया है। जब घर ही नहीं है तो दीवाली किस बात की। पीड़ित परिवारों के भोजन की व्यवस्था रोटी बैंक कर रहा है, जो पिछले छः दिन से सभी पीड़ित परिवारों को भोजन करा रहा है।
बैठक में दलित फ़ाउंडेशन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने कहा कि, पीड़ितों का एक प्रतिनिधिमंडल ज़िलाधिकारी को बस्ती में आने की माँग कर रहे है। यहाँ आने पर उनसे बस्ती को बचाने की गुजारिश किया जायेगा। उन्होंने कहा कि करसड़ा की घटना को लेकर हमने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई), मानवाधिकार और एससी/ एसटी आयोग को पीड़ितों की पीड़ा एवं मांग से संबंधित एक पत्र मेल भी किया है और रजिस्ट्री भी करेंगे, जिससे सीजेआई और एससी-एसटी आयोग इस मामले को गंभीरता से लें और पीड़ितों को इंसाफ दिलाएं।
दिवि फ़ाउंडेशन के बीरभद्र सिंह दोषी अधिकारियों को दण्डित करते हुए पीड़ितों को बीस- बीस लाख मुवाअजा देने की माँग रखी है और कहा कि मुसहरों को इनकी पुश्तैनी ज़मीन पर से बिना नोटिस उजाड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं दलित फ़ाउंडेशन के फेलो अनिल कुमार ने बनवासियो से कहा कि अपनी पीड़ा का स्लोगन लिख प्रत्येक उजाड़े गये व शेष उजाड़े जा रहें घरों पर लगाने की सलाह दी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए बुद्ध राम मुसहर ने कहा कि प्रशासन पहले उजड़ रहे बनवासियो को बसाने की कार्ययोजना बनाये। उसके बाद ही अटल आवासीय विद्यालय बनाएँ। बुद्ध राम मुसहर चंदौली जिले के रहने वाले हैं, जो अपने समाज की समस्याओं को लेकर हमेशा सक्रिय रहते हैं। बैठक में प्रमुख रूप से राजकुमार गुप्ता, बीरभद्र सिंह, अनिल कुमार सहित पीड़ित राजेश कुमार, बलदेव, मुनीब, राहुल कुमार, विजय, इन्दु, सदानंद, शंकर, रामप्रसाद, नन्हकू, बुद्धु, कार्तिक, सोमरा आदि लोग शामिल थे।