173 दिन से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का आन्दोलन जारी, लगभग 19000 सीटों का हुआ है घपला। 69000 सहायक शिक्षक भर्ती का मामला, अभ्यर्थियों पर चार रोज पहले बरसायी गयी थी लाठी।
उत्तर प्रदेश में अबतक की सरकारी नौकरियों में सबसे बड़ा घोटाला बेसिक शिक्षा विभाग की 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण अनियमितता है। इस घोटाले के संबंध में उपर्युक्त सहायक शिक्षक भर्ती में सम्मिलित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का अपना तर्क और तथ्य है, जिसे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी सही माना है। इस आरक्षण घोटाला के खिलाफ ही नौकरी से वंचित व योग्य अभ्यर्थियों का धरना-प्रदर्शन 173 दिन से लगातार लखनऊ के इको-गार्डन चौराहे पर चल रहा है।
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में 69000 शिक्षक भर्ती की चयन प्रक्रिया में जमकर घपलेबाजी हुई है।बेसिक शिक्षा विभाग के नियमावली के अनुसार यदि आरक्षित वर्ग का कोई भी अभ्यर्थी खुली प्रतियोगिता में बैठता है और अनारक्षित वर्ग के कटऑफ से ज्यादा गुणवत्ता गुणांक प्राप्त करता है तो उसका चयन सामान्य वर्ग अर्थात अनारक्षित वर्ग में होना चाहिए, न कि आरक्षित वर्ग में। सामान्य वर्ग में चयनित अभ्यर्थियों की जगह अन्य आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को लाभ मिलना चाहिए। परन्तु तानाशाह और निरंकुश सरकार के नुमाइंदों ने चयन प्रकिया में ऐसा नहीं किया है। इससे 19000 से ज्यादा आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी नौकरी पाने से वंचित रह गए हैं।अभ्यर्थियों का आरोप है कि यह चयन प्रक्रिया आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के गर्दन काटने की प्रक्रिया है।
इस मामले को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग-दिल्ली का दरवाजा खटखटाया, जिसने एक वर्ष की मैराथन सुनवाई के उपरांत बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के बयान एवं लिखित साक्ष्यों के आधार पर सख्त कार्रवाई करते हुए आदेश में उल्लेखित किया कि अनारक्षित वर्ग की चयनित कटऑफ 67•11% तथा आरक्षित वर्ग में चयनित ओबीसी की कटऑफ 66•73 के बीच में ओबीसी अभ्यर्थियों को 27%(18598 सीट) संवैधानिक आरक्षण के सापेक्ष महज 3•86%आरक्षण (2637सीट)तथा SC वर्ग के अभ्यर्थियों को 21% संवैधानिक आरक्षण (14490 सीट) के सापेक्ष 16•60% आरक्षण (11265 सीट) ही दिया गया है। इस आधार पर आरक्षित वर्ग के ओबीसी अभ्यर्थियों के आरक्षण की 15961 सीटें तथा SC वर्ग के अभ्यर्थियों के आरक्षण की 3225 सीटें छीनकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को चयन से वंचित कर दिया। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों की यही मांग है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के आदेश को पालन करते हुए नौकरी से वंचित अभ्यर्थियों को तत्काल यूपी सरकार जॉइनिंग लेटर दें।
173 दिन से लगातार लखनऊ के इको-गार्डन चौराहे आन्दोलनरत शिक्षक
आपको बता दें कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के संख्त होने के बाद भी योगी सरकार मस्त है, उसे किसी की कोई चिंता नहीं है। सरकार के ऐसे उदासीन रवैए से आक्रोशित छात्र अपने आन्दोलन को लगातार जारी रखा है। अभी चार रोज पहले से अभ्यर्थियों ने अपनी मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की तो उनके ऊपर लाठियां बरसाई गयी। सरकार द्वारा लाठियां बरसाई जाने की घटना को सभी विपक्षी दलों ने निंदा की थी। आन्दोलनकारीओं अभ्यर्थियों ने कहा कि जब-तक सरकार हमारी मांग नहीं पुरी कर देती है तब तक हम सब यहीं से छुटे सांड़ की तरह उपद्रव मचाने वाली सरकार को नाथने का काम करेंगे। अभी विधानसभा- 2022 का चुनाव बाकी है।