Sunday, September 8, 2024
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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

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मैंने आम आदमी के संघर्षों में अपनी आवाज मिलाई

शिवकुमार पराग हिंदी के सुप्रसिद्ध गीतकार-कवि और ग़ज़लकार के साथ साथ एक चिन्तक रचनाकार हैं जो अपने दौर की घटनाओं-परिघटनाओं पर तीखी नज़र रखते हैं। उनके अब तक पाँच संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। एक गाँव से निकलकर एक लंबी यात्रा करते हुये वे आज हिन्दी के प्रतिष्ठित कवि और शायर हैं। गाँव के लोग […]

शिवकुमार पराग हिंदी के सुप्रसिद्ध गीतकार-कवि और ग़ज़लकार के साथ साथ एक चिन्तक रचनाकार हैं जो अपने दौर की घटनाओं-परिघटनाओं पर तीखी नज़र रखते हैं। उनके अब तक पाँच संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। एक गाँव से निकलकर एक लंबी यात्रा करते हुये वे आज हिन्दी के प्रतिष्ठित कवि और शायर हैं। गाँव के लोग के लिए पूजा ने उनसे उनके जीवन संघर्ष और रचनात्मक संघर्ष पर लंबी बातचीत की। देखिये और चैनल को सब्सक्राइब करते हुये इसे मजबूती प्रदान करें जिससे संघर्षशील जनता की आवाज़ सत्ता के कान के पर्दे तक पहुँच सके।

गाँव के लोग
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