[bs-quote quote=”कोरोना की तीसरी लहर में जनता की सुरक्षा पर सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा था की राजनीतिक दल, चुनावी रैलियां कर जनता की जान को जोखिम में क्यों डाल रहे हैं ? शायद इसीलिए सबसे पहले कांग्रेस ने जनता की सुरक्षा को अपने संज्ञान में लिया और बुधवार 5 जनवरी को अपनी चुनावी रैलियों को स्थगित करने का एलान किया!” style=”style-2″ align=”center” color=”” author_name=”” author_job=”” author_avatar=”” author_link=””][/bs-quote]
शक्ति संवाद स्थगित, जन विश्वास यात्रा और विजय यात्रा की बारी ?
बुधवार 5 जनवरी का दिन, देश की मीडिया और राजनीतिक गलियारा सुर्ख़ियों भरा रहा! एक कोरोना महामारी की तीसरे लहर को देखते हुए, कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंका गांधी ने देश के 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी विशाल रैलियों को स्थगित करने का ऐलान किया, तो वही दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र […]
बुधवार 5 जनवरी का दिन, देश की मीडिया और राजनीतिक गलियारा सुर्ख़ियों भरा रहा! एक कोरोना महामारी की तीसरे लहर को देखते हुए, कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंका गांधी ने देश के 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी विशाल रैलियों को स्थगित करने का ऐलान किया, तो वही दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सुरक्षा घेरे में सेंधमारी के कारण पंजाब के फिरोजपुर वाली जनसभा को कैंसिल किया! प्रियंका गांधी ने कोरोना की तीसरी लहर के कारण शक्ति संवाद और महिलाओं की मैराथन दौड़ जैसे आयोजनों को स्थगित कर जनता के बीच एक मिसाल कायम की! वहीँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के मुख्यमंत्री के पास यह संदेश पहुंचा कर, की थैंक्स में जिंदा लौट आया कहकर देश में सनसनी फैला दी !
कांग्रेस के द्वारा रैलियों को स्थगित करना भी सुरक्षा को लेकर बड़ा मुद्दा है! कोरोना महामारी से जनता की सुरक्षा कैसे की जाए शायद, कांग्रेस का रैलियों को स्थगित करने का यही एक मकसद था, जिसकी आज जरूरत है, क्योंकि जनता ने कोरोना की दूसरी लहर में सुरक्षा में सेंधमारी को अपनी आंखों से पश्चिम बंगाल, केरल, असम, तमिलनाडु, पांडिचेरी के चुनाव में देखा था, जब राजनीतिक दलों के नेता चुनाव वाले राज्यों में बड़ी-बड़ी रैलियां कर रहे थे! कुछ वैसा ही नजारा तीसरी लहर में भी दिखाई दे रहा है जब नेता संभावित विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में भीड़ भरी जनसभा रोड शो करते हुए दिखाई दे रहे हैं!
कोरोना की तीसरी लहर में जनता की सुरक्षा पर सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा था की राजनीतिक दल, चुनावी रैलियां कर जनता की जान को जोखिम में क्यों डाल रहे हैं ? शायद इसीलिए सबसे पहले कांग्रेस ने जनता की सुरक्षा को अपने संज्ञान में लिया और बुधवार 5 जनवरी को अपनी चुनावी रैलियों को स्थगित करने का एलान किया!
अब सवाल उठता है कि क्या अन्य राजनीतिक दल भी कांग्रेस की तरह मिसाल कायम करेंगे ?
इस पर राजनीतिक बहस भी छिड़ चुकी है? राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस के द्वारा रैलियां स्थगित करने के पीछे बरेली की महिला मैराथन दौड़ मैं हुई घटना से भी जोड़कर देखा जा रहा है, वहीँ यह भी सुनाई दे रहा है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास बड़ी राजनीतिक जमीन नहीं है, इसलिए कांग्रेस ने अपनी रैलियां स्थगित करने का ऐलान किया है! कांग्रेस के द्वारा अपनी रैलियों को स्थगित करने के पीछे कारण जो भी हो लेकिन कांग्रेस ने मीडिया के मुंह पर ताला तो लगा ही दिया है जो मीडिया बार-बार यह कहता है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस कोरोना महामारी को मद्देनजर रख अपनी रैलियां स्थगित क्यों नहीं कर रही है, कांग्रेस ने बुधवार 5 जनवरी को यह कर दिखाया अब बारी देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा की है, जो उत्तर प्रदेश और केंद्र में सत्ता में है !
देवेंद्र यादव कोटा स्थित वरिष्ठ पत्रकार हैं।