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क्या भाजपा को महिला शक्ति का एहसास हो गया है?

देश के राजनीतिक पंडित और राजनीतिक विश्लेषक भले ही कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रमुखता से नहीं ले रही हो, मगर भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी को अंदर खाने गंभीरता से ले रही है। इसकी झलक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभाओं में देखने को मिली। […]

देश के राजनीतिक पंडित और राजनीतिक विश्लेषक भले ही कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रमुखता से नहीं ले रही हो, मगर भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी को अंदर खाने गंभीरता से ले रही है। इसकी झलक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभाओं में देखने को मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश चुनाव में मतदाताओं से रूबरू होने पहले चरण के बाद निकले।

यदि मोदी की कानपुर और सीतापुर की चुनावी सभाओं का आकलन करें तो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दोनों सभाओं में उत्तर प्रदेश की महिला मतदाताओं पर अधिक फोकस  किया,, जो साफ-साफ यह बताता है कि कहीं ना कहीं भाजपा को प्रियंका गांधी के महिला शक्ति विधान में फंसा  दिया है ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीतापुर की चुनावी सभा में, केंद्र सरकार की उन जनकल्याणकारी योजनाओं को महिलाओं से जोड़कर जिक्र किया जो योजनाएं पुरुषों के लिए भी उतनी ही बड़ी है जितनी महिलाओं के लिए हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजना,  पुरुष और महिला दोनों वर्ग के लिए उपयोगी हैं, मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, इन योजनाओं को महिलाओं के लिए अधिक उपयोगी बताया ! यह योजनाएं महिलाओं के लिए कैसे उपयोगी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह विस्तार से बताया !

शौचालय और उज्जवला उज्ज्वला  योजना को लागू कर, उत्तर प्रदेश की महिलाओं की इज्जत को कैसे बचाया और महिलाओं को जान लेवा  धुंए  से कैसे सुरक्षित किया यह भी प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी चुनाव सभा में महिलाओं को बताया।

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कुल मिलाकर कानपुर और सीतापुर की चुनावी सभाओं में मोदी ने अधिक फोकस महिलाओं पर दिया। क्या यह कांग्रेस की उस चुनावी रणनीति का तोड़ है जिसमें कांग्रेस की राष्ट्रीय महामंत्री उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की महिलाओं के हक के लिए अपनी रणनीति बनाई थी और उसे उत्तर प्रदेश चुनाव में क्रियान्वित भी किया। उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस ने 40% महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है जो इस समय उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ रही हैं। उत्तर प्रदेश में पहली बार किसी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में महिलाओं को 40% आरक्षण दिया है। कांग्रेस ने महिलाओं के लिए अलग से महिला शक्ति विधान नाम से घोषणा पत्र भी जारी किया, महिला शक्ति संवाद सहित अनेक घोषणाएं उत्तर प्रदेश चुनाव में महिलाओं को लेकर कांग्रेस ने की हैं, जिसका असर सामने से तो दिखाई नहीं दे रहा है, मगर महिलाओं के बीच अंडरकरेंट हो सकता है।  क्या इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चुनावी सभाओं में ज्यादा फोकस महिला मतदाताओं के सशक्तीकरण और महिलाओं के उत्थान के लिए अधिक कर रहे हैं?

इसका फैसला तो 10 मार्च को होगा ? क्या इज्जत घर ( शौचालय ) भाजपा की इज्जत बचाएंगे, या उज्जवला योजना भाजपा के भविष्य को उज्जवल करेगी, इसका फैसला भी 10 मार्च को चुनाव परिणाम आने पर देखा जाएगा।

देवेंद्र यादव कोटा स्थित वरिष्ठ पत्रकार हैं।

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