उषा वैरागकर आठले रायगढ़ इप्टा की प्रमुख कर्ता-धर्ताओं में से हैं । उन्होंने अनेक नाटकों में अभिनय किया और अनेकों में ऑफस्टेज काम किया। रायगढ़ इप्टा को एक नई सांस्कृतिक ऊंचाई देने में उषा जी का महत्वपूर्ण योगदान है। रायगढ़ से कई वर्षों तक उन्होंने रंगकर्म नामक वार्षिक पत्रिका का सम्पादन किया। इप्टा और रंगकर्म को लेकर देश के अनेक हिस्सों में होनेवाले आयोजनों में सक्रिय भागीदारी करनेवाली उषा वैरागकर आठले के दर्जनों लेख और शोध देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने मराठी से हिन्दी में आठ किताबों का अनुवाद भी किया है। देखिए उनसे बातचीत जिसमें उन्होंने इप्टा की ऐतिहासिक भूमिका और रंगकर्म की वर्तमान चुनौतियों पर बेबाक बात की है।
इप्टा की ऐतिहासिक यात्रा और वर्तमान चुनौतियाँ
उषा वैरागकर आठले रायगढ़ इप्टा की प्रमुख कर्ता-धर्ताओं में से हैं । उन्होंने अनेक नाटकों में अभिनय किया और अनेकों में ऑफस्टेज काम किया। रायगढ़ इप्टा को एक नई सांस्कृतिक ऊंचाई देने में उषा जी का महत्वपूर्ण योगदान है। रायगढ़ से कई वर्षों तक उन्होंने रंगकर्म नामक वार्षिक पत्रिका का सम्पादन किया। इप्टा और रंगकर्म […]