तमाम विरोधों के बावजूद शूद्र आंदोलन आज ब्राह्मणवाद और जाति-व्यवस्था के खिलाफ एक मानस तैयार करने में जुटा है। कुछ क्षत्रिय प्रकार की जातियाँ इसे ब्राह्मणवाद का हिस्सा साबित करने पर तुली हुई हैं लेकिन शूद्र शिवशंकर सिंह यादव इसे घर वापसी का आंदोलन कहते हैं। लेकिन ठहरिए! घर वापसी के किसी चालू निहितार्थ की ओर मत जाइए। शिवशंकर जी कहते हैं मुगलों के आगमन से पहले भारत में हिन्दू धर्म नामक कोई चीज नहीं थी। वर्णव्यवस्था में शूद्रों की सर्वाधिक संख्या है और सभी के सभी पूर्वकाल में बौद्ध थे। ब्राह्मणों के छल बल से उन्हें विभिन्न समयों में राजाओं ने मार डाला अथवा पराजित करके गर्हित जीवन जीने पर मजबूर कर दिया। आज शूद्र आंदोलन भारत के व्यापक श्रमजीवी समाजों को पुनः अपने घर बौद्ध धम्म की ओर वापसी करने जा रहा है। इस प्रकार यह ब्राह्मणवाद और जाति-व्यवस्था को नेस्तनाबूद करेगा।
शूद्र आंदोलन घर वापसी है – शूद्र शिवशंकर सिंह यादव
ब्राह्मणों के छल बल से उन्हें विभिन्न समयों में राजाओं ने मार डाला अथवा पराजित करके गर्हित जीवन जीने पर मजबूर कर दिया। आज शूद्र आंदोलन भारत के व्यापक श्रमजीवी समाजों को पुनः अपने घर बौद्ध धम्म की ओर वापसी करने जा रहा है। इस प्रकार यह ब्राह्मणवाद और जाति-व्यवस्था को नेस्तनाबूद करेगा।
