वाराणसी। चार वर्षीय बच्ची के साथ यौन दुष्कर्म और हत्या मामले में न्याय वास्ते सामाजिक संगठन दख़ल ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। महिला कार्यकर्ताओं ने इस मामले के खिलाफ नाराज़गी भी व्यक्त की।
ज्ञातव्य हो कि इस नृशंस कृत्य के बाद बच्ची का परिवार सदमे में है। पीड़ित परिवार जंगल से पत्ता लाकर बनारस में बेचता है और यहीं पर घुमंतू की तरह रात बिताता है। परिजनों के अनुसार, बीते 14 अगस्त की रात करीब दो बजे बेटी को पास न पाकर वह उसकी तलाश के क्रम में मुगलसराय चले गए। रेलवे पुलिस, स्थानीय वेंडरों से पूछताछ में परिजनों को सिर्फ निराशा ही मिली। हताश होकर परिजनों ने पुलिस से शिकायत की। खोजबीन में स्टेशन के पीछे राजघाट की ओर जाने वाले ढलान पर बच्ची की लाश मिली।
दखल संगठन की कार्यकर्ताओं ने बताया कि थाने पर सम्पर्क करने पर ‘जांच प्रचलन में है…’ का सपाट बयान मिल रहा है। इसलिए आज हम उक्त प्रकरण में जिलाधिकारी को ज्ञापन देने आए हैं। दखल ने माँग किया कि मामृत बच्ची के अपराधी को जल्द गिरफ्तार किया जाए। विसरा और स्वैब जांच के लिए भेजा जाए। मृतका के परिवार को न्यायोचित मुवावजा मिले। केस को महिला अपराध देखने वाली समर्पित विभाग को सुपुर्द करें। परिवार के साथ संवेदना पूर्वक व्यवहार किया जाए। पीड़ित परिवार गरीबी और बेबसी में अभी भी सड़क पर सपरिवार पत्ता बेचने को मजबूर है। इस बीच अमानवीय ढंग से मृतका के परिवार के ही लोगों को पुलिस बार बार थाने ले जा रही है। इसपर तत्काल रोक लगाई जाए। जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले तत्वों पर ध्यान देकर कार्रवाई किया जाए। पुलिस के बयान से पता चला है कि सीसीटीवी कैमरे ना होने की वजह से अपराधी पकड़ में नहीं आया है। स्मार्ट सिटी और प्रस्तावित बहुउद्देशीय काशी स्टेशन के मानकों पर खरा उतरने के लिए कैमरा, पुलिस बल आदि सुरक्षा उपाय हों, ऐसी हमारी अपेक्षा है।
ज्ञापन देने आए पीड़ित का परिवार का कहना था कि हमें अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं दी गई है। परिवार के सदस्यों को थाने ले जाकर चार दिन से बंद किया गया है। ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से मृतका के माता-पिता समेत परिवार के 10 सदस्य और दखल संगठन से मैत्री, नीति, विजेता, दीक्षा, शिवांगी, शालिनी, नीलम, रंजू सिंह, सलमा, अनुज, अश्विनी, वल्लभाचार्य, रामजनम, मिथिलेश, माधुरी एडवोकेट, उपासना आदि मौजूद रहे।