कोझिकोड (भाषा)। पिछले महीने केरल के कोझिकोड में महिला पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत से संबंधित एक मामले को लेकर अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी बुधवार को अपना बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस के सामने पेश हुए। पुलिस ने गोपी को नादक्कवु पुलिस थाने में जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए बुलाया था। वह करीब पौने बारह बजे थाने पहुंचे। पुलिस की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए केरल में पार्टी के राज्य प्रमुख के सुरेंद्रन सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने इसके विरोध में थाने तक मार्च निकाला।
महिला कार्यकर्ताओं सहित सैंकड़ों पार्टी कार्यकर्ता गोपी के समर्थन में हाथों में तख्तियां लिए मार्च में शामिल हुए। अभिनेता के आने के इंतजार में लोग सुबह से ही थाने के बाहर भारी तादाद में एकत्र हो गए। सुरेंद्रन ने पत्रकारों के साथ बातचीत में आरोप लगाया कि गोपी को उस वक्त ‘निशाना’ बनाया गया जब उन्होंने राज्य में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कथित ‘अन्याय और अवैध गतिविधियों’ के खिलाफ आवाज उठाना शुरू किया। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि अभिनेता का ‘राजनीतिक शिकार’ करोड़ों रुपये के करुवन्नूर सहकारी बैंक घोटाले में हस्तक्षेप करने के बाद शुरू हुआ। उन्होंने तर्क दिया, ‘यह सरकार और पिनराई विजयन का एजेंडा है। अगर कार्रवाई वापस नहीं ली गई तो राज्य भर में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।’
नादक्कवु पुलिस थाने के बाहर भाजपा समर्थकों और अभिनेता के प्रशंसकों की भारी भीड़ को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई थी। नादक्कवु पुलिस ने एक स्थानीय टेलीविजन चैनल में काम करने वाली एक पत्रकार की शिकायत के आधार पर पिछले महीने के अंत में मामला दर्ज किया था। महिला ने घटना के एक वीडियो के साथ शहर के पुलिस आयुक्त के पास शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई के लिए इसे स्थानीय पुलिस थाने को सौंप दिया गया था। पिछले महीने भाजपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य का एक वीडियो सामने आने के बाद वह मुसीबत में पड़ गए थे। वीडियो में वह पत्रकारों से बातचीत के दौरान एक महिला पत्रकार के कंधे पर हाथ रखते हुए दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, आलोचनाओं के बाद अभिनेता ने माफी मांगते हुए कहा कि उन्होंने पत्रकार के साथ केवल स्नेहपूर्ण व्यवहार किया था।