Browsing Category

विश्लेषण/विचार

राजनीतिक विरोध के बावजूद महिला होने के नाते मैं महुआ मोइत्रा साथ खड़ी हूं

यह महुआ मोइत्रा के लिए जय-जयकार है। हम दोनों (महुआ और मैं) अलग-अलग पार्टियों से हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, महुआ मोइत्रा जिस पार्टी से हैं, मैं…
Read More...

क्या यूजीसी और एनसीईआरटी हिन्दू राष्ट्र के शैक्षणिक संस्थान बन चुके हैं

भाजपा सरकार केंद्र में अपनी सत्ता की दूसरी पारी के अंत की ओर है। करीब दस साल की इस अवधि में सरकार ने देश के लगभग सभी संस्थानों और संस्थाओं…
Read More...

राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र खत्म हो रहा है, खतरे में है संविधान

 लोकतंत्र को अब तक की सबसे अच्छी शासन प्रणाली माना गया है। ज्यादातर देश इसे पाने या बनाये रखने की रात-दिन कोशिशें कर रहे हैं लेकिन…
Read More...

सेल्फीमय देश हमारा, सबसे प्यारा, सबसे न्यारा!

लीजिए, अब इन विरोधियों को इसमें भी आपत्ति हो गयी। कह रहे हैं कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सारे विश्वविद्यालयों को अपने यहां जो सेल्फी…
Read More...

हिमालय से बेरहमी देश के भविष्य के लिए महंगी साबित होगी

सिलक्यारा में हुई दुर्घटना के बाद सरकार को वहाँ बन रही चारधाम परियोजना पर फिर से विचार करना जरूरी है, क्योंकि भारत के पर्यावरण संरक्षण के…
Read More...

काँग्रेस को सोचना पड़ेगा कि लड़ने के मौके पर आरामतलबी खतरनाक होती है

चार राज्यों में चुनाव परिणाम अपेक्षित ही आये हैं। उन लोगों को झटका तो जरूर लगा है जो राजस्थान की 'योजनाओं' और छत्तीसगढ़ के शासन मॉडल के बारे…
Read More...

केवल इस्लामिक आतंकवाद को दोष देना अमेरिका के जाल में फंसना है

आज से पंद्रह साल पहले, 26 नवम्बर 2008 को मुंबई पर एक भयावह आतंकी हमला हुआ था। हथियारों से लैस दस आतंकी समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचे और…
Read More...

कांग्रेस की नीतियों से दलित और आदिवासी समाज सर्वाधिक लाभान्वित हुए

भारतीय समाज विश्व का सर्वाधिक विषमतापूर्ण समाज है, जिसके लिए जिम्मेवार रही है वर्ण व्यवस्था। धर्म के आवरण में लिपटी वर्ण व्यवस्था सदियों से…
Read More...

श्रमिकों की सकुशल वापसी तो हो गई है पर अभी भी अनुत्तरित हैं बहुत से सवाल

उत्तराखंड में उत्तरकाशी के पास सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की सुरक्षित वापसी पूरे देश के लिए अत्यंत संतोष की बात है।…
Read More...

कांग्रेस ने ही बोए थे भाजपा को सत्ता तक पहुंचाने वाले सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के बीज

26/11 के पंद्रह साल पूरा होने पर विशेष  मेरे पचास साल पुराने मित्र और कांग्रेस के नेता हुसैन दलवाई का आउटलुक अंग्रेजी पत्रिका में इंटरव्यू…
Read More...

संविधान को पूरी तरह ध्वस्त करने का मन बना चुकी है मोदी सरकार

 संविधान दिवस पर विशेष आज 26 नवम्बर है, संविधान दिवस। 1949 में आज ही के दिन बाबा साहेब डॉ.आंबेडकर ने राष्ट्र को वह महान संविधान सौपा था,…
Read More...

जहं-जहं पांव पड़े मंत्रिन के…!

किसी ने सच कहा है- डेमोक्रेसी में मंत्री होना बड़ी फजीहत का काम है। जो कहीं डेमोक्रेसी अपने इंडिया टाइप की हो‚ तब तो कहना ही…
Read More...

सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा देने का मुद्दा है हलाल प्रतिबंध

भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य पर एक नया विभाजनकारी एजेंडा हावी हो गया है। 18 नवंबर को, उत्तर प्रदेश सरकार ने हलाल-प्रमाणित खाद्य…
Read More...

जनता व्यक्ति को नहीं अपने-अपने राजनीतिक दल को वोट करती है

‘यथा राजा तथा प्रजा’ यह लोकोक्ति आपने भी सुनी ही होगी। शायद उस समय की बात होगी जब देश में ‘राजतंत्र’ रहा होगा। किंतु आज जब देश में लोकतंत्र…
Read More...

अहमदाबाद में भारतीय क्रिकेट टीम की नहीं बल्कि बीसीसीआई की हार हुई है

भारत विश्व कप 'हार' गया। जीतना या हारना खेल का हिस्सा है लेकिन तब क्या होता है जब खेल राजनीतिक प्रचार का हिस्सा बन जाता है और दर्शक खेल…
Read More...

भाषायी अराजकता और असभ्यता को रोकने के लिए जरूरी है आचरण नियमावली

आज मुझे राजनीति का पुराना चलन याद आ रहा है, जब सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य सदन में एक दूसरे का वैचारिक आधार पर जमकर विरोध करते थे किंतु…
Read More...

कांग्रेस के दंभ और भाजपा के मुंगेरी सपने पर भारी पड़ रहा भूविस्थापितों का संघर्ष

वैसे तो हर चुनाव ही दिलचस्प होते हैं और कांटे की टक्कर में मुख्य प्रतिद्वंद्वी पार्टियों की सांसें लटकी होती हैं, लेकिन इस बार कोरबा जिले…
Read More...

स्वस्थ लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है दलबदल की मौजूदा राजनीति

भारत देश के चुनावों को करोड़पतियों ने हाईजैक कर लिया है। जितने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरते हैं. उनमें से बहुसंख्यक करोड़पति होते हैं।…
Read More...

निजीकरण के पीछे मोदी सरकार के उद्देश्यों को समझिये

डॉ मनमोहन सिंह के बाद नरेंद्र मोदी केंद्र की सत्ता पर काबिज हुए और आज प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल की बराबरी करने की स्थिति में…
Read More...

परिवारवाद के रास्ते रोजगार का हिस्सा बनती जा रही है भारतीय राजनीति

भारतीय राजनीति में विभिन्न क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का जन्म यूँही नहीं हुआ, इसका कारण केवल और केवल यह है कि ब्राह्मणवाद के चलते पहले से ही…
Read More...