बेंगलुरु (भाषा)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने दलितों के खिलाफ अत्याचार से संबंधित मामलों में सजा की खराब दर पर मंगलवार को असंतोष व्यक्त किया। उन्होने कहा कि स्त्रियॉं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार होने पर उन पपर अंकुश लगाए जाने के लिए आरोपी को सख्त सजा दी जानी चाहिए। अन्यथा इस असफलता के लिए पुलिक प्रशासन खुद दोषी होंगे।
मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक कार्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘अगर पीड़ितों का व्यवस्था पर भरोसा बनाए रखना है तो अत्याचार के मामलों की जांच की गुणवत्ता में सुधार करना होगा।’
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में उनके हवाले से कहा गया है कि उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि वैज्ञानिक रूप से वैध आरोप पत्र प्रस्तुत किए जाने चाहिए। यह गलत है । हमरी सरकार ने पुलिस को पूरी छूट दी है।
उन्होंने पुलिस अधिकारियों से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा के मामलों पर रोक लगाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी, ‘सजा बढ़ाई जानी चाहिए। अन्यथा, इस विफलता के लिए दोषी खुद डीसीपी होंगे।’ लोकतांत्रिक देश भारत धर्मनिरपेक्ष देश भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, पुलिस विभाग को संवैधानिक मूल्यों को मजबूत कर निर्णय लेना चाहिए।
अपने भाषण में उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी तबादलों के लिए उत्सुक है और इसके लिए अपनी जाति का भी उपयोग कर रहें हैं, यह एक बुरा विकास है।




