कोलकाता (भाषा)। पश्चिम बंगाल अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अमृता सिन्हा के पति को संपत्ति विवाद के एक मामले से जुड़ी याचिका के संबंध में समन जारी किया है। आरोप है कि सिन्हा के पति ने इस मामले में अपने रसूख का इस्तेमाल किया था। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
प्रताप चंद्र डे को शुक्रवार को यहां भवानी भवन में सीआईडी मुख्यालय में जांच अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। सीआईडी अधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया, ‘हमने उनसे (प्रताप चंद्र डे) सोमवार को अपना मोबाइल फोन हमारे अधिकारियों के पास जमा करने को भी कहा है। उन्हें 22 दिसंबर को पेश होने का निर्देश दिया गया है।’
उच्चतम न्यायालय में एक याचिका में आरोप लगाया गया था कि पेशे से वकील डे संपत्ति से संबंधित एक मामले में दबाव डाल रहे हैं और अपने रसूख का इस्तेमाल कर रहे हैं। याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि जो मामला संपत्ति विवाद के रूप में शुरू हुआ था, उसने वकील के हस्तक्षेप के कारण एक अलग मोड़ ले लिया है। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि मामले में वकील के हस्तक्षेप के कारण, बाद की एफआईआर की जांच नहीं की जा रही है।
अदालत ने राज्य को बिना किसी दबाव के जांच जारी रखने और अगर जांच के दौरान या आरोप पत्र दाखिल करने में कोई हस्तक्षेप होता है तो उसे रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान, पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने जांच की स्थिति के संबंध में एक रिपोर्ट सौंपी जो 15 सितंबर को कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भेजी गई थी। वकील ने आगे बताया कि बंगाल सरकार जांच आगे बढ़ा रही है। ‘निष्पक्ष जांच के लिए सरकार ने जांच सीआईडी को स्थानांतरित कर दी है।’ इसके अलावा, राज्य के कुछ व्यक्तियों की संलिप्तता को देखते हुए सावधानी से आगे बढ़ रहा है, जो मामले की जांच में हस्तक्षेप कर रहे हैं।’ वकील ने कहा मामले में आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत दो एफआईआर बीते 7 सितंबर और 8 सितंबर को दर्ज की गयी थी।
सीआईडी अधिकारी ने बताया कि मामले के संबंध में सितंबर में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दो प्राथमिकी दर्ज की गई थी।इस संबंध में जांच एजेंसी पहले ही डे से दो बार एक दिसंबर और 16 दिसंबर को पूछताछ कर चुकी है।