सौ शैय्या अस्पताल में अब तक नहीं शुरू हो पाई इमरजेंसी सेवा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया संसाधनों का अभाव
भदोही। पूर्वांचल का पूरा इलाका इस समय जबर्दस्त लू की चपेट में है। इससे जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही दबाव भी बढ़ा है। डीएम और सीएमओ दावा कर रहे हैं कि उनके जिले के सीएचसी और पीएचसी लेवल तक स्वास्थ्य संबंधी सारे संसाधन जुटा लिये गये हैं। स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं। बावजूद इसके भदोही जिले के सीएमओ डॉ. संतोष कुमार चक वृहस्पतिवार को जब सीएचसी भदोही और पीएचसी मानिकपुर का औचक निरीक्षण करने पहुंचे तो वहाँ अफरा-तफरी मच गयी। सीएमओ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदोही जब पहुँचे तो वहां चिकित्साधिकारी समेत कुल 17 स्वास्थ्यकर्मी एक साथ बिना किसी सूचना के मौके से ग़ायब मिले। एक स्वास्थ्यकर्मी मानिकपुर पीएचसी में नदारद मिला। सीएमओ ने सभी 18 स्वास्थ्यकर्मियों का एक दिन का वेतन बाधित करते हुए सभी को नोटिस ज़ारी करके स्पष्टीकरण मांगा है कि वह लोग मौके पर क्यों नहीं पाये गये? सीएमओ ने गैरमौजूद स्वास्थ्यकर्मियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
सीएमओ भदोही के औचक निरीक्षण में चिकित्साधिकारी डॉ. एमएस कुशवाह, गुड्डू कुमार, हर्ष राय, मुन्नी देवी, मनीष कुमार गुप्ता, डॉ. चमन परवीन, जयशंकर प्रजापति, रितेश कुमार, राहुल कुमार, संगीता देवी, प्रीति देवी, जमीला, रवीन्द्र कुमार, खुशबू, वंदना देवी, छाया पाल, विजय मौर्या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदोही पर मौके से नदारद मिले। वहीं, मानिकपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के फॉर्मासिस्ट अनिल पांडेय मौके पर नहीं मिले। गौरतलब है कि हीटवेव के प्रकोप के चलते न सिर्फ़ पूर्वांचल के तमाम जिलों में मरीजों की संख्या में अचानक ही बेतहासा वृद्धि हुयी है। अस्पतालों पर दबाव बढ़ा है, बावजूद इसके स्वास्थ्यकर्मी संवेदनशील बनने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के अभी भी वही ढुलमुल रवैया अपनाये हुये हैं। उनके लापरवाहीपूर्ण कार्य प्रणाली में कोई सुधार नहीं आ रहा है। सीएमओ भदोही डॉ. संतोष कुमार चक ने भदोही सीएचसी पहुंचकर हाजिरी रजिस्टर की जांच किया। इसके बाद उन्होंने सीएचसी अधीक्षक डॉ रामपाल यादव को नसीहत दी कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में साफ सफाई का इंतेजाम चाक चौबंद रखें। गौरतलब है कि सीएमओ की गाड़ी अचानक परिसर में आते देख भदोही सीएचसी परिसर में भागदौड़ मच गयी। कोई मेज-कुर्सी सही करने लगा तो को गर्द गुबार झाड़ने लगा। किसी ने पोछा उठाया तो किसी ने मरीज का डेली रुटीन रजिस्टर।
भदोही।
केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल जी से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अभोली भदोही के बंद पड़े अस्पताल को चालू कराने को लेकर पूछे गए सवाल पर मंत्री जी ने सीएमओ तथा हेल्थ सेक्रेटरी से बात कर चालू कराने का दिया आश्वासन।।@spsinghbaghelpr @ProBaghel @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/GnKGTe43U0— 𝐀𝐧𝐤𝐢𝐭 𝐏𝐚𝐥 (@ankitpal_J) June 19, 2023
वहीं भदोही जिले के ज्ञानपुर सरपतहां स्थित सौ शैय्या अस्पताल में अब तक इमरजेंसी सेवा शुरु नहीं की जा सकी है। जबकि अस्पताल में ओपीडी सेवा चालू हुए डेढ़ साल बीत चुके हैं। जिसके चलते मरीजों को इमरजेंसी सेवा तक नहीं मिल पा रही है। मज़बूरी का आलम यह है कि दोपहर दो बजे तक होने वाली ओपीडी का समय खत्म होने के बाद कोई मरीज़ अस्पताल के इमरजेंसी में पहुँचता है तो उसे यह कहकर वापस लौटा दिया जाता है कि अभी वहां इमरजेंसी सेवा चालू नहीं हुयी है। मज़बूरन मरीज़ या तो किसी प्राइवेट अस्पताल चले जाते हैं या फिर जिला अस्पताल की ओर रुख करते हैं। वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य महकमा दलील देता है कि संसाधनों के अभाव के चलते अब तक इमरजेंसी सेवा शुरु नहीं हो पायी है। सौ शैय्या अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) सुनील कुमार पासवान का कहना है कि इमरजेंसी सेवा शुरु करने के लिए अस्पताल के पास पर्याप्त संसाधन नहीं है। संसाधन का इंतेजाम होते ही इमरजेंसी सेवा चालू कर दी जाएगी। फिलहाल अस्पताल में ओपीडी, बर्न यूनिट, डायलिसिस यूनिट आदि का संचालन हो रहा है।
आखिर इमरजेंसी सेवा के लिए क्या संसाधन चाहिए जिसके न होने की दुहाई स्वास्थ्य विभाग दे रहा है। अस्पताल में इमरजेंसी सेवा के लिए सबसे पहले एक भवन होना चाहिए। इस पर एक ईएमओ और चार फॉर्मासिस्ट होना चाहिए। इसके अलावा स्टाफ में वार्ड ब्वॉय, स्वीपर, और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी आदि का सपोर्टिंग स्टाफ होने के बाद ही इमरजेंसी सेवा चालू हो सकती है। जबकि सौ शैय्या अस्पताल एकमात्र फॉर्मासिस्ट के बूते चल रहा है। लम्बे समय से इस बात का कोई उत्तर नहीं मिल रहा है कि सीएचसी और जिला अस्पतालों में सरकार स्वास्थ्यकर्मियों की कमी को आखिर पूरा क्यों नहीं कर रही है।
वहीं अभोली में सीएचसी का आधा अधूरा काम करने के बाद कार्यदायी संस्था गायब हो चुकी है। प्रकरण में संस्था के अधिकारियों पर केस दर्ज़ हो चुका है। इस संदर्भ में तीन दिन पहले भदोही में केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर एस. पी. सिंह बघेल से लोगों ने सवाल पूछा। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अभोली भदोही के बंद पड़े अस्पताल को चालू कराने को लेकर पूछे गए सवाल पर मंत्री जी ने सीएमओ तथा हेल्थ सेक्रेटरी से बात कर चालू कराने का आश्वासन दिया।
वहीं दुर्गागंज के अभोली ब्लॉक स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लगा एक अदद हैंडपम्प तक खराब पड़ा है। जिसके चलते मरीजों को इस बेतहासा गर्मी में पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। क्योंकि अधिकांश समय बिजली नहीं आती है इसलिए समय से सबमर्सिबल नहीं चल पाता है और न ही टंकी भर पाती है। किसी तरह टंकी भर भी दी जाये तो दोपहर में उसका खौलता पानी पीने लायक नहीं होता है। ऐसे में हैंडपम्प से निकलने वाला भूगर्भ जल ही प्यास बुझाने का एकमात्र स्रोत बचता है, जोकि खराब पड़ा है। इस वजह से ग़रीब मरीजों को पानी के अभाव में बोतलबंद महंगा पानी ख़रीदने के लिए विवश होना पड़ रहा है। वहीं सीएचसी अधीक्षक डॉ शुभांकर श्रीवास्तव बचाव में कहते हैं कि कुछ महीने पहले ही पंचायती राज विभाग द्वारा हैंडपम्प का रिबोर करवाया गया था। इसके बावजूद हैडपम्प से पानी नहीं निकल रहा है। ग्राम प्रधान पति सौरभ पांडेय ने आश्वासन दिया है कि हैंडपम्प को रिबोर करवाया जाएगा।