Saturday, October 25, 2025
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राजस्थान : मिट्टी से भविष्य की फसल उगाते युवा

पिछले कई दशकों में युवा गांव में खेती-किसानी की जगह शहरी नौकरियों, मेट्रो-ज़िंदगी और शहरों की चमक-दमक की तरफ खिंचे चले आए हैं। लेकिन अब एक बार फिर से बदलाव नजर आने लगा है। कुछ युवा वापस गाँव और खेती की तरफ लौट रहे हैं या कम-से-कम खेती को एक सम्मानजनक, तकनीकी और लाभदायक करियर विकल्प के रूप में देखते हुए लाखों की आमदनी कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में बिजली दरों में वृद्धि : अमीरों को राहत लेकिन किसानों और गरीबों पर बढ़ेगा भार

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों में भारी वृद्धि की घोषणा की है। 100 यूनिट तक उपभोग करने वाले लोगों पर, जिनमें से एकल बत्ती कनेक्शन धारी और गरीबी रेखा के नीचे और कम आय वर्ग के लोग शामिल हैं, उन पर 20 पैसे प्रति यूनिट का अतिरिक्त भार डाला गया है। जबकि कृषि क्षेत्र के लिए प्रति यूनिट 50 पैसे वृद्धि की गई है।

 टैरिफ युद्ध : क्या हम तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं?

डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को अमेरिका की मुक्ति का दिन घोषित किया है। इसी दिन ट्रंप ने पूरी दुनिया के खिलाफ टैरिफ युद्ध छेड़ा है,जो अब तक के बनाए तमाम पूंजीवादी नियमों और बंधनों को तोड़कर केवल अमेरिकी प्रभुत्व और नियंत्रण की इच्छा से संचालित होता है। यह प्रभुत्व और नियंत्रण की इच्छा न्याय की किसी भी भावना और अवधारणा को कुचलकर आगे बढ़ना चाहती है।

राजस्थान के लोहार समुदाय के अस्तित्व और संघर्ष की कहानी : जब बर्तन बिकेंगे, तब खाने का इंतजाम होगा

लोहे के बर्तन बनाना लोहार समुदाय के लिए केवल एक व्यवसाय नहीं, बल्कि उनकी पहचान और अस्तित्व का प्रतीक है। लेकिन बदलते समय के साथ उनके लिए रोज़ी रोटी चलाना मुश्किल होता जा रहा है। नयी तकनीक, सस्ते विकल्प और बदलते उपभोक्ता व्यवहार ने उनके पारंपरिक काम को संकट में डाल दिया है।

दाल देख और दाल का पानी देख!

नेफेड और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता फेडरेशन (एनसीसीसीसी) बता रहा है कि सरकार के गोदाम में केवल 14.5 लाख टन दाल ही बची है, जो कि न्यूनतम आवश्यकता का केवल 40% ही है। इसमें तुअर दाल 35000 टन, उड़द 9000 टन, चना दाल 97000 टन ही है, जिसे लोग खाने में सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। इन दालों की जगह दूसरी दाल के इस्तेमाल के बारे में सोचें, तो मसूर दाल का स्टॉक भी केवल पांच लाख टन का ही बचा है। भारत के संभावित दाल संकट पर संजय पराते।

Gender Pay Gap: पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को कम वेतन, आधी आबादी आज भी असमानता की शिकार : रिपोर्ट

लैंगिक वेतन अंतर असमानता : 90 फीसदी से ज्यादा यानि 310 करोड़ महिलाएं ऐसे देशों में रह रही हैं जहां उन्हें अभी भी पुरुषों से कमतर आँका जाता है। इन देशों की सूची में भारत भी शामिल है।

रासायनिक खेती का सच : कारपोरेट खेती और जहरीले खाद्यान से कैसे मिलेगी निजात?

क्या वास्तविक रुप में दोबारा रासायनिक खेती छोड़ कर पारम्परिक खेती की ओर लौटा जा सकता है? यदि हाँ तो उसकी क्या रणनीति है?

पश्चिम बंगाल : केंद्र और राज्य सरकार के टकराव में मनरेगा मजदूरों की फजीहत

केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल को मनरेगा का बजट नहीं दिये जाने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नाराजगी जाहिर करते हुए 21 लाख मनरेगा मजदूरों को भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू कर दे है।

छत्तीसगढ़ में नहीं बिक पाया तीस लाख टन धान, ढेरों मंडियों में पड़ा है खुले आसमान के नीचे, खरीदी करने की मांग

राज्य में 26.85 लाख धान उत्पादक किसानों ने 33.51 लाख हेक्टेयर रकबे का पंजीयन कराया था, लेकिन सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 24.72 लाख किसान ही 27.92 लाख हेक्टेयर रकबे का धान बेच पाए हैं। फरवरी के अतिरिक्त चार दिनों में 19000 किसानों ने 2.69 लाख टन धान बेचा है। इस प्रकार, 2.13 लाख किसानों का 5.59 लाख हेक्टेयर रकबे में उत्पादित धान अनबिका है।

किसानों की आय दोगुना करने के दावे के बावजूद अंतरिम बजट से किसान ही गायब

सरकार द्वारा चुनाव से 2 महीने पहले प्रस्तुत अंतरिम बजट से यूं तो किसानों ने कोई बड़ी उम्मीद नहीं बांधी थी। लेकिन कृषि संकट...

अंतरिम बजट में विकास के ढिंढोरे के बावजूद किसानों और युवाओं के लिए कुछ भी नहीं – प्रियंका गांधी

वाराणसी। लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने अंतरिम बजट पेश करते हुए जहां इसे लोकोन्मुखी बताते हुए किसानों, गरीबों और महिलाओं का हितैषी घोषित...
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